प्रदूषण और ट्रैफिक जाम से निपटेगी केंद्र सरकार, नया सिटी लॉजिस्टिक प्लान तैयार

Indian Cities Traffic Jam : केंद्र सरकार ने शहरों में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए लॉजिस्टिक प्लान तैयार किया है। जिसके अंतर्गत शहरों में माल ढुलाई और यातायात वाहनों के लिए अलग-अलग सड़कों का निर्माण किया जाएगा। जिससे शहरो को जाम और प्रदूषण से छुटकारा मिलेगा।

 

City Logistics Plan : केंद्र सरकार ने शहरों को जाम और प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए लॉजिस्टिक मोबिलिटी प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत माल ढुलाई करने वाहनों के लिए अलग सड़क बनाई जाएगी। और यात्री वाहनों के लिए अलग सड़क होगी। क्योंकि फिलहाल माल वाहक वाहनों को रात्रि का इंतजार करना पड़ता है। जो इस प्लान के अंतर्गत सड़क बनाने के बाद नहीं करना होगा। साथ ही माल वाहक वाहनों की लागत में भी बचत होगी। सरकार ने सीएलपी के अंतर्गत इन चुनौतियों का हल निकाल लिया है।

इस प्लान पर अमल से लॉजिस्टिक लागत में भी कमी आएगी। सबसे पहले दिल्ली और बेंगलुरु में सीएलपी पर अमल होगा। इन दोनों शहरों के अनुभव के आधार पर देश के अन्य शहरों के लिए सीएलपी का एक विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किया जाएगा।

जापान सबसे आगे

सीएलपी पर अमल में जापान सबसे आगे है और फ्रांस, जर्मनी व नीदरलैंड जैसे देशों में भी शहरों को सक्षम बनाने के लिए सीएलपी पर अमल किया जाता है। अभी माल ढोने वाले ट्रकों व अन्य वाहनों को भी शहर की उन्हीं सड़कों से होकर गुजरना पड़ता है, जिन सड़कों पर यात्री वाहन चलते हैं। इससे जाम व प्रदूषण दोनों समस्याएं आती हैं।

वहीं, शहर का मोबिलिटी प्लान तैयार करने के दौरान अमूमन मालवाहक वाहनों की दिक्कतों का खास ध्यान नहीं रखा जाता। शहर से होकर गुजरने के लिए मालवाहक वाहनों को रात का इंतजार करना पड़ता है। इससे उनकी लागत बढ़ती है। सीएलपी के तहत इन्हीं चुनौतियों का हल निकाला जाएगा।

लॉजिस्टिक पालिसी का हिससा है सीएलपी

वर्ष 2022 में उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) की तरफ से लॉजिस्टिक पालिसी लाई गई थी। सीएलपी इस लॉजिस्टिक पॉलिसी का हिस्सा है। वर्ष 2022 में ही सीएलपी पर अमल के लिए दिल्ली व बेंगलुरु का चयन किया गया था और अब दिल्ली व कर्नाटक सरकार की मदद से दोनों ही शहर के लिए सीएलपी लगभग तैयार हो चुका है।

डीपीआईआईटी के अधिकारी के मुताबिक, इंडो-जर्मन टेक्निकल को-ऑपरेशन के तहत दिल्ली और बेंगलुरु के सीएलपी मॉडल को तैयार करने में जर्मनी की कंपनियों की मदद ली गई है। उन्होंने बताया दिल्ली व बेंगलुरु के सीएलपी पर अमल के बाद पूरे देश के शहरों के भीतर मालवाहक व यात्री वाहनों के लिए सक्षम इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। इससे कारोबार करना आसान हो जाएगा और वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन स्तर को शून्य तक लाने में भी मदद मिलेगी।