मध्य प्रदेश में इस नदी पर बनेगा पहला सिक्सलेन केबल-स्टे पुल, तीन राज्यों को मिलेगा बड़ा लाभ
MP News : मध्य प्रदेश में इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के टेंडर हो चुके हैं। इन दो राज्यों से होकर MP में आने वाले इस एक्सप्रेस-वे पर केबल-स्टे ब्रिज के रूप में एक सुपर स्ट्रक्चर तैयार होने जा रहा है। यह केबल-स्टेड ब्रिज राजस्थान और मप्र के बीच इस नदी पर बनेगा। यह तीन राज्यों को जोड़ने वाला MP का पहला सिक्सलेन केबल-स्टे ब्रिज होगा।

MP News : उत्तर प्रदेश के आगरा से मध्य प्रदेश में ग्वालियर तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के टेंडर हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश और राजस्थान से होकर मध्य प्रदेश में आने वाले इस एक्सप्रेस-वे पर केबल-स्टे ब्रिज के रूप में एक सुपर स्ट्रक्चर तैयार होने जा रहा है। यह केबल-स्टेड ब्रिज राजस्थान और मप्र के बीच चंबल नदी पर बनेगा। यह तीन राज्यों को जोड़ने वाला मध्य प्रदेश का पहला सिक्सलेन केबल-स्टे ब्रिज होगा। यह केबल-स्टे ब्रिज 600 मीटर लंबा होगा, जो दो विशाल स्तंभों पर केबल के माध्यम से स्थित रहेगा।
88.40 किमी लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे पर पहले प्रस्तावित पुल के स्वरूप को बदलते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने राजस्थान और मप्र के बीच केबल-स्टे ब्रिज बनाने का फैसला लिया है। यह ब्रिज राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य क्षेत्र में बनेगा।
एनएचएआई के मैनेजर टेक्निकल प्रशांत मीणा ने बताया कि इसके निर्माण के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और वाइल्ड लाइफ एडवाइजरी बोर्ड से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से तीन दिन पहले एनओसी मिल चुकी है। नंवबर में ब्रिज व एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू हो सकता है।
3 किमी लंबा हाईवे अभयारण्य क्षेत्र में रहेगा
एक किमी तक अभयारण्य और फिर 2 किमी तक इको सेंसेटिव जोन से एक्सप्रेस-वे गुजरेगा। राजस्थान में भी 1 किमी अभयारण्य सीमा और करीब 9 किमी की संरक्षित सीमा में हाईवे के लिए एनओसी मिल चुकी है। मप्र के मुरैना में शनिश्चरा इलाके में भी करीब 1.5 किमी दूरी वन क्षेत्र से हाईवे गुजरेगा। इसके लिए भी राज्य सरकार से एनओसी मिल चुकी है। इसके बदले में 1.5 करोड़ रुपए भी शासन को दिए जा चुके हैं।
पुल नहीं लगेगी सजावटी लाइटिंग
चंबल नदी पर प्रस्तावित पुल दिखने में हू-ब-हू प्रयागराज के नैनी केबल-स्टेड ब्रिज की तरह होगा। हालांकि प्रयागराज के ब्रिज पर लाइटिंग की सजावट है जिससे रात को यह ब्रिज दमकता दिखाई देता है लेकिन मुरैना में अभयारण्य में होने के कारण प्रस्तावित पुल पर नैनी ब्रिज की तरह बिजली की सजावट नहीं की जाएगी।