उत्तर प्रदेश के इस शहर की फोरलेन रिंग रोड से खुलेगी किस्मत, सर्किल रेट की वजह से फंसा सकता हैं पेच
 

जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन रिंग रोड के लिए 26 गांवों से किसानों की जमीन दी गई है। करीब 1700 छोटे बड़े किसान इससे प्रभावित होंगे। Ring Road बहुत से किसानों की खेती की जमीन है।
 
The four lane ring road of this city of Uttar Pradesh will bring good luck, it can get into trouble due to circle rate.

The Chopal : जीडीए की नई गोरखपुर योजना को आगे बढ़ाने के लिए जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन रिंग रोड बनाया जाएगा। Ring Road से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए जिला प्रशासन ने कमेटी बनाई है। गेहूं की बुवाई शुरू होने से पहले कमेटी के सदस्य डीएम को अपनी रिपोर्ट देंगे। किसानों का कहना है कि मुआवजा बाजार दर और सर्किल रेट के बीच तय किया जाए, जिससे किसी को नुकसान नहीं होगा। तीन महीने पहले दाखिल आर्बिट्रेशन पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है।

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जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन रिंग रोड के लिए 26 गांवों से किसानों की जमीन दी गई है। करीब 1700 छोटे बड़े किसान इससे प्रभावित होंगे। Ring Road बहुत से किसानों की खेती की जमीन है। काम जून में शुरू करना था। लेकिन किसानों ने बाजार दर पर मुआवजे की मांग की।

गांवों में अधिकारियों ने चौपाल लगाकर लोगों को आर्बिट्रेशन (न्यायिक मध्यस्थता) करने को कहा। अधिकारियों ने फिर दावा किया कि जल्द ही इसकी जांच होगी। लेकिन इसकी पहली तिथि अगस्त में हुई थी। इसके बाद सात अक्तूबर को फिर से तारीख दी गई। किसानों ने विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों के सामने अपनी चिंता व्यक्त की। विधायक ने डीएम को मामले को सुलझाने के लिए कहा। एडीएम प्रशासन ने आईजी स्टांप, कैंपियरगंज और सदर तहसील के तहसीलदारों और दोनों स्थानों के उप निबंधकों की अगुवाई में एक कमेटी बनाई है, जिसका उद्देश्य इस मामले को जल्दी से हल करना है।

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यह कमेटी पीपीगंज के सोनौली बाईपास रोड और जगदीशपुर जंगल कौड़िया रिंग रोड के किसानों के लिए बाजार दरों और सर्किल दरों के बीच उचित विकल्प खोजेगी। इसमें बाजार भाव, खेती की जमीन, अन्य लिंक रोड के रेट और राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे की जमीन की तुलना की जाएगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHI) को निर्धारित दर भुगतान के लिए भेजा जाएगा। हालाँकि, अधिकांश किसानों को पूर्व में निर्धारित दर पर मुआवजा दिया गया था। अधिकारियों का कहना है कि नई दर निर्धारित होने पर बचे हुए पैसे भी खातों में आ जाएंगे।

किसान जमीन देने को तैयार नहीं हैं

जीडीए ने शहर के चारों ओर फोरलेन रिंग रोड बनाया जाएगा। किसान इसके लिए जमीन देने को तैयार नहीं है। बाजार मूल्य और सर्किल दर के कारण पेच फंसा है। रेट निर्धारित होने पर यह लगभग पूरे क्षेत्र में काम करेगा। इससे अन्य योजनाओं में जमीन आसानी से मिल सकेगी। आब्रिर्टेशन को दाखिल करने में तीन महीने से अधिक समय गुजर गया है। लेकिन रेट पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसलिए जल्द से जल्द इस पर निर्णय होना चाहिए।

अमरनाथ गुप्ता, कृषक

इस मामले में प्रशासन ने ढिलाई की है। जो अब कमेटी है। उसे पहले ही बनाकर मामले को हल करना चाहिए था। यदि ऐसा ही रहा तो किसान अपनी जमीन देंगे?