बिहार के आठ जिलों से होकर निकलेगा नया एक्सप्रेसवे, यूपी के इन इलाकों के लिए गुड न्यूज

UP News : उत्तर भारत और उत्तर-पूर्व भारत के बीच यात्रा करने वालों के लिए एक सुपरफास्ट कनेक्टिविटी की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। अब उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच आवागमन पहले से काफी तेज, सुरक्षित और सुगम होने वाला है। 

 

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश बिहार और पश्चिम बंगाल तक आवागमन कनेक्टिविटी अब सुपरफास्ट होने वाली है. राज्यों में सफर करने वाले लोगों के लिए अच्छी अपडेट सामने आई है. एक और नया   एक्सप्रेसवे उत्तर बिहार और उत्तर पूर्व भारत के लिए हम महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट साबित होने वाला है. भारतीय राष्ट्रीय राजनीतिक प्राधिकरण की तरफ से 124 नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे  को लेकर बोले लगाने की घोषणा की गई है.

तीन राज्यों के लोगों के लिए बड़ी अपडेट 

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से तीन राज्यों के लोगों के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है. वित्त वर्ष 2025 26 में 3.4 लाख करोड़ की लागत से बड़े प्रोजेक्ट की सौगात दी गई है. गोरखपुर किशनगढ़ सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के लिए बोली हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल के तहत लगाई जाएगी. गोरखपुर-किशनगंज-सिलीगुड़ी राजमार्ग उत्तर बिहार और उत्तर-पूर्व भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण परियोजना होगा। इससे आर्थिक विकास तेज होगा।

हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल (HAM) के तहत लगेगी बोली

पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक और खुशखबरी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 124 नेशल हाईवे (NH) और एक्सप्रेसवे प्रोजेक्टों के लिए वित्त वर्ष 2025 से 26 तक ₹3.4 लाख करोड़ की लागत वाले बोली लगाने की घोषणा की है। बता दे की 6,376 किलोमीटर का कुल लंबाई इन परियोजनाओं की होगी। गोरखपुर-किशनगंज-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे एनएचआई की योजनाओं में से एक है। 476 किलोमीटर लंबे गोरखपुर-किशनगंज-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के लिए हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल (HAM) के तहत बोली लगाई जाएगी। यानी बोली लगाने के बाद इस सड़क परियोजना का काम शुरू होगा। 

गोरखुपुर जाने में छह से सात घंटे लगेंगे

इस एक्सप्रेसवे के बनने से बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लोगों को बहुत फायदा होगा। यात्रा की दूरी कम होगी और समय बहुत बचेगा। वर्तमान में किशनगंज से एनएच-27 और अगे जाकर एनएच-57 से दरभंगा, मोतिहारी, सिवान, गोपालगंज से गोरखपुर पहुंचने में 12 से 14 घंटे लगते हैं। इसके बावजूद, इस राजमार्ग की स्थापना से गोरखुपुर जाने में छह से सात घंटे लगेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि इस राजमार्ग के बनने से आर्थिक विकास भी रफ्तार पकड़ने वाला हैं। इसके आसपास क्षेत्र में नौकरी के अवसर मिलेंगे। 

पूर्वोत्तर भारत में संबंध मजबूत होंगे

गोरखपुर-किशनगंज-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के बनने से पूर्वोत्तर भारत से संपर्क मजबूत होने वाला हैं। इस राजमार्ग के निर्माण से बिहार और पूर्वोत्तर भारत के बीच संपर्क और मजबूत होगा। इससे व्यापार और पर्यटन दोनों बढ़ेंगे। निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। आपको बता दें कि बिहार के आठ जिले , पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज से एक्सप्रेसवे गुजरने वाला हैं। इस परियोजना में गंडक, बागमती और कोसी नदियों पर भी पुलों का निर्माण शामिल है। इससे जमीन की कीमतें इन जिलों में तेजी से बढ़ने की संभावना है।