गाजियाबाद में विकास की रफ्तार धीमी, अब सेक्टरों में विभाजित कर तेज होगी रफ्तार
UP News: उत्तर प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक और रिहायशी शहर गाजियाबाद के विकास को अब व्यवस्थित और योजनाबद्ध ढंग से अंजाम दिया जाएगा। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने शहर को सुनियोजित शहरी विकास मॉडल के तहत विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद शहर का विकास अब व्यवस्थित तरीके से किया जाएगा. गाजियाबाद शहर को योजनाबद्ध शहरी विकास की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण क्षेत्र में कुल और क्षेत्र आते हैं जिसमें परिवर्तन, नियंत्रण और संपत्ति विभाग की टीम कार्य करती है. अब इलाकों को सेक्टर में बांटने की योजना तैयार की जा रही है.
सेक्टरों में बांटने की योजना
योजनाबद्ध शहरी विकास के लिए अब क्षेत्र को सेक्टरों में बांटने की योजना बनाई जा रही है। जोन 1 से पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र को चार क्षेत्रों में बांटा जा सकता है। योजनाबद्ध शहरी विकास के लिए अब क्षेत्र को सेक्टरों में बांटने की योजना बनाई जा रही है। जोन 1 से पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र को चार क्षेत्रों में बांटा जा सकता है। इससे साफ-सफाई और स्ट्रील लाइटों का ध्यान रखा जाएगा, साथ ही अवैध निर्माण को रोका जाएगा।
विकास की रफ्तार बढ़े
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) क्षेत्र में कुल आठ क्षेत्र हैं, जिसमें परिवर्तन, नियंत्रण और संपत्ति विभाग की टीम काम करती है। इसके बाद भी क्षेत्र का विकास बहुत धीमा रहता है। जीडीए ने योजना बनाई है ताकि सुविधाएं बढ़ें और विकास की रफ्तार बढ़े। इसे जोन एक में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा। यहां सफलता के बाद इसे दूसरे क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है।
जोन एक को लगभग चार सेक्टरों में विभाजित कर सुविधाएं प्रदान करने का आदेश जीडीए के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने दिया है। अधिकारी ने बताया कि जोन एक में राजनगर एक्सटेंशन और नंदग्राम सहित आसपास के कई गांव शामिल हैं। ऐसे में इन्हें क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है, ताकि टीम प्रत्येक क्षेत्र में काम कर सके।
औचक निरीक्षण होगा
जीडीए अधिकारी ने कहा कि क्षेत्र में तैनात अवर अभियंता, सहायक अभियंता आदि को सुपरवाइजरों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली रिपोर्ट की समीक्षा करनी चाहिए। साथ ही, इस रिपोर्ट के आधार पर वरिष्ठ अधिकारी क्षेत्र की वर्तमान स्थिति का औचक निरीक्षण करेंगे।
इससे लाभ मिलेगा
जिन योजनाओं की देखरेख प्राधिकरण करता है, वे साफ-सफाई, स्ट्रील लाइट, कूड़ा निस्तारण और निर्माण कार्यों को बेहतर तरीके से योजनाबद्ध तरीके से कर सकते हैं। अवैध निर्माण भी देखा जा सकेगा। रोजाना कर्मचारियों को घूमना होगा और रिपोर्ट बनाकर अधिकारियों को देना होगा। जीडीए के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने कहा, "जीडीए क्षेत्र को योजनाबद्ध तरीके से विकास किया जाएगा।" जोन एक को क्षेत्र में विभाजित करके विकसित करने की योजना है। यह सफल होने पर अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है।