उत्तर प्रदेश सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों में शुरू करेगी यह व्यवस्था

योगी सरकार ने अनुपूरक पुष्टाहार योजना के तहत आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण को सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के लिए बायोमैट्रिक्स प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया है।
 

The Chopal - योगी सरकार ने अनुपूरक पुष्टाहार योजना के तहत आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण को सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के लिए बायोमैट्रिक्स प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया है। ई-पॉस मशीनों की स्थापना और संचालन के लिए उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट सिस्टम कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीडेस्को) को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। 

ये भी पढ़ें - 300 दिन की तगड़ा रिटर्न देने वाली स्कीमों की आ गई तारीख नजदीक 

शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यूपीडेस्को ई-पॉस मशीनों की स्थापना के लिए टेंडर के साथ-साथ ई-टेंडर के माध्यम से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) तैयार करने का काम करेगा। योगी कैबिनेट ने पोषाहार वितरण को ई-पॉस मशीनों के माध्यम से अनुपूरक पुष्टाहार योजना के तहत हाल ही में मंजूरी दी है। इसके माध्यम से लाभार्थी का पोषाहार कोई दूसरा व्यक्ति नहीं ले सकेगा।

ये भी पढ़ें - Facebook Meta बंद करने जा रहा है यह लोकप्रिय App, जानिए क्या है वजह 

प्रदेश की बाल विकास परियोजनाओं के तहत संचालित आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर, अति कुपोषित बच्चों (सहित), गर्भवती और धात्री महिलाओं, 14 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं (केवल आकांक्षात्मक जनपदों में) को अनुपूरक पुष्टाहार योजना के तहत पोषाहार दिया जाता है। 

एक से अधिक सिस्टम इंटीग्रेटर्स चुन सकते हैं 

ई-पॉस मशीन की बिड प्रक्रिया में कई सहयोगी शामिल होने के कारण इसे https://etender.up.nic.in नामक उत्तर प्रदेश सरकार के ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर चलाया जाएगा। यूपीडेस्को की अध्यक्षता में क्रय समिति बनाई जाएगी, निदेशक। बाल विकास सेवा के संयुक्त निदेशक और पुष्टाहार समिति में सदस्य होंगे। इसके अलावा, IT और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा जरूरत के अनुसार वित्त विभाग के प्रतिनिधि और अन्य विभागीय अधिकारियों को सदस्य बनाया जाएगा। चयनित होने वाली सिस्टम इंटीग्रेटर संस्थाओं को ई-पॉस मशीन सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन, आइरिश आईडेंटिफिकेशन, क्षेत्र लेबल मैनपावर, तकनीकी मैनपावर और मोबाइल सिम प्रदान करना होगा। 

ये भी पढ़ें - जेवर एयरपोर्ट के पास बढ़ा जमीनों का रेट, ठगों के चक्कर से इस तरह बचे 

तीन वर्षों तक इन सबकी देखभाल भी करनी होगी। यह परियोजना सिस्टम इंटीग्रेटर आधारित BOGO (Build, On, Operate) मॉडल पर संचालित होगी। ई-पॉस मशीन की बिड प्रक्रिया में कई कंपोनेंट, जैसे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, शामिल होंगे, और एक से अधिक सिस्टम इंटीग्रेटर्स का चयन भी संभव है। 

लाभार्थी को आधारित पुष्टि मिलेगी 

14 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाएं, गर्भवती और धात्री महिलाएं स्वयं बायोमैट्रिक ऑथेंटिफिकेशन करने में सक्षम हैं, इसलिए आधार बेस्ड सत्यापन के साथ पोषाहार मिलेगा। छह माह से छह वर्ष के बच्चों को पोषाहार सिर्फ उनके अभिभावकों द्वारा दिया जाता है अगर वे खुद भोजन नहीं करते हैं। ऐसे में, उन बच्चों के माता या पिता पर आधारित बायोमैट्रिक ऑथेंटिफिकेशन प्रणाली बनाई जाएगी। इस संबंध में आदेश जारी होने के बाद, निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार एक सप्ताह में यूपीडेस्को को विस्तृत दिशा-निर्देश देंगे।