ट्रेन में RAC पैसेंजर्स के बीच नहीं होगा चादर-तौलिये को लेकर झगड़ा, रेलवे बोर्ड का अहम निर्णय

Train RAC Seat: ट्रेन RACI पैसेंजर का दर्द न में किसी से छुपा नहीं है। रेलवे उससे पूरा भाड़ा वसूलता है, लेकिन बर्थ के नाम पर उससे सिर्फ आधा मिलता है। उन्हें इस आधी सीट का पूरा भाड़ा चुकाना पड़ता है क्योंकि उन्हें कोई दूसरा विकल्प नहीं है। ऐसे मजबूर पैसेंजरों को अब कम से कम बेड रोल के लिए अपने साथी से लड़ना नहीं होगा।

 

Train RAC Seat: जब आप ट्रेन पर हैं तो आपने आरएसी (रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन) का नाम सुन लिया होगा। यात्रियों को वेटिंग लिस्ट में टिकट भी मिलता है जब उनके पास कंफर्म बर्थ नहीं है। कम से कम आरएसी होगा क्योंकि यह कंफर्म नहीं है। इससे आपको ट्रेन में चढ़ने का अधिकार ही मिलेगा। ट्रेन में ही बर्थ कंफर्म होगा अगर कोई सीट या बर्थ खाली है। लेकिन यदि आप यकीन नहीं करते, तो आप उसी सीट पर बैठे साथी से बहस करेंगे। टांग फैलाने से लेकर बेड रोल शेयरिंग तक झगड़ा होता है। लेकिन कम से कम बेड रोल के बारे में अब बहस नहीं होगी। रेलवे बोर्ड ने इस बारे में कुछ नया बनाया गया हैं।, 

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क्या हुआ है नया फैसला

पिछले दिनों, रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे और आईआरसीटीसी के सीएमडी को एक पत्र भेजा था। यह बताता है कि अब आरएसी पैसेंजर्स को अलग-अलग बेड रोल भी मिलेगा। “गहन जांच के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि एसी क्लास (एसी चेयर कार को छोड़कर) में यात्रा करने वाले आरएसी पैसेंजर्स को अब कंबल, बेडशीट और तौलिया के साथ एक तकिया सहित पूरी बेड रोल किट दी जाएगी।

क्यों हुआ है फैसला

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसी क्लास यात्रा की मानक आवश्यकताओं के अनुरूप आरएसी यात्रियों से एकत्र किए गए किराए में पहले से ही बेडरोल शुल्क शामिल है। अब आरएसी पैसेंजर्स को लिनन और एक पूरी तरह से बेडरोल किट की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है। जिससे आरएसी यात्रियों को सुसंगत और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिल सके, इस कदम का लक्ष्य है कि वे अन्य कन्फर्म यात्रियों के साथ समान व्यवहार करें।

क्या आरएसी सीट है?

RACI बर्थ साइड लोआर बर्थ पर है। इसमें एक बर्थ पर दो लोगों की बुकिंग होती है। उनका बर्थ कंफर्म होगा अगर ट्रेन में कोई सीट खाली रह जाएगी। यदि ऐसा नहीं हो पाता, तो दोनों पैसेंजर्स कुछ करते हैं।

आरएसी की सीटें बढ़ी हैं

नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद सभी ट्रेनों में आरएसी वाली सीटों की संख्या बढ़ा दी गई है। 17 जनवरी 2017 से यह निर्णय लागू हो गया है। एसी थ्री ट्रेन के हर डिब्बे में आरएसी के लिए दो साइड बर्थ मार्क्ड थे। अर्थात् चार आरएसी पैसेंजर्स को अकोमोडेट कर सकते थे। इस साइड बर्थ की संख्या अब चार है। मतलब, AC थ्री डिब्बे में 8 RA पैसेंजर्स होते हैं। ऐसी तरह, AC Two में आरएसी के लिए पहले दो बर्थ थे। अब इसे तीन किया गया है, यानी छह आरएसी पैसेंजर। इस डिब्बे में आरएसी के लिए सात साइड बर्थ मार्क हैं। अर्थात् एक डिब्बे में चौबीस आरएसी पैसेंजर। इसमें पहले १० पैसेंजर आरएसी शामिल थे।

बेड रोल के दौरान क्या होता है?

रेलवे की ओर से बेड रोल ट्रेन के AC डिब्बे में है। बेडरोल के एक पैकेट में एक तकिया, एक कंबल, एक छोटा तौलिया, दो धुली चादर और एक तिकये की धुली कवर होता है। इस बेड रोल में दो चादरें दी गई हैं, एक बर्थ पर बिछाने के लिए और दूसरा कंबल के साथ चिपकाने के लिए।

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