UP के इस जिले में नहीं होगी रोजगार की कमी, बनेगा औद्योगिक हब, गांव में बनेंगे क्लस्टर, प्लानिंग हुई तैयार
UP : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिला अगले कुछ वर्षों में एक बड़ा औद्योगिक हब बनकर उभरेगा। सीएलपी के लिए ड्राफ्ट तैयार किया जा चुका है। 2024 तक विकास का खाका खींचा जा रहा है। गांवों में भी कलस्टर बनेंगे। वर्तमान में 30, 205 टन का औद्योगिक उत्पादन किया जा रहा है। वर्ष 2042 तक इसके 64,111 टन होने की संभावना है।
आने वाले समय में मेरठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में औद्योगिक केंद्र (industrial center) बनकर उभरेगा। इसके तहत शहर में सिटी लॉजिस्टिक प्लान (सीएलपी) का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। जल्द ही कमिश्नर के सामने प्रजेंटेशन होगा। इसके अलावा सिटी डवलपमेंट प्लान (सीडीपी) के तहत 2042 तक के लिए शहर के विकास का खाका खींचा जा रहा है। इसमें शहर न केवल औद्योगिक हब बनेगा बल्कि गांवों में क्लस्टर भी बनेंगे।
वर्तमान में मेरठ में रैपिड रेल, मेट्रो, गंगा एक्सप्रेस वे, फ्रेट कॉरीडोर और शहर के चारों ओर बिछ रहे हाईवे का जाल बिछ रहा है। एनसीआर के अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा सस्ता श्रम, स्थान और सुविधाओं की उपलब्धता के चलते मेरठ निवेशकों की पसंदीदा जगह बनता जा रहा है। इसके अलावा महायोजना में शामिल सरधना, मवाना, लावड़, बहसूमा, हस्तिनापुर, समेत जिले के 305 गांव भी शहरी क्षेत्र में आने से शहरी क्षेत्र का विस्तार दोगुना हो गया है।
महायोजना- 2031 बढ़कर 1043 वर्ग किमी की हो गई है। इसके तहत मेरठ न केवल औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित होगा बल्कि नई टाउनशिप के साथ व्यावसायिक गतिविधियां भी परवान चढ़ेंगी। महायोजना-2031 के तहत औद्योगिक क्षेत्र में 75 फ़ीसदी, व्यवसायिक क्षेत्र में 96 फीसदी और आवासीय क्षेत्र में 50 फीसदी का इजाफा किया गया है।
2164 करोड़ के सीएलपी में उद्योग इकाइयों को बढ़ाने की तैयारी
सिटी लॉजिस्टिक प्लान (सीएलपी) के लिए अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी (यूएमटीसी) ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जो 2164 करोड़ से बनेगा। इसमें मौजूदा आबादी 24.15 का आकलन करते हुए साल 2042 में अपेक्षित संसाधन और मौजूदा स्थिति के तहत यातायात, ट्रांसपोर्ट, रोड सेफ्टी, उपलब्धता का खाका खींचा गया है।
बैंडबाजा व खेल उद्योग के साथ ही निर्माण इकाइयां और स्मॉल इंडस्ट्री को बढ़ाने की रूपरेखा खींची गई। इसमें एग्रो बेस्ड यूनिट, कॉटन टेक्सटाइल्स, रेडीमेड कपड़े, फर्नीचर, शुगर इंडस्ट्रीज, पेपर मिल, मिनरल, मेटल इंजीनियरिंग आदि उद्योगों को भी शामिल किया गया। इन सभी उद्योग और इंडस्ट्री में होने वाला 30 हजार 205 टन का उत्पादन 2042 में बढ़कर 64 हजार 111 टन होने की संभावना है।
हापुड़ रोड, दौराला में बनेंगे लॉजिस्टिक पार्क
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क के तहत टीपी नगर में 39.06 हेक्टेयर, दौराला में दो हिस्सों में 38.5 तथा 46.2 हेक्टेयर में ट्रांसपोर्ट नगर विकसित करने और वेयरहाउस बनाने का प्रस्ताव है। वहीं ट्रांसपोर्ट नगर के लिए 135.37 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता वर्ष 2042 में बताई गई है। इसके लिए दौराला में 54.10 हेक्टेयर, हापुड़ रोड पर खरखौदा के पास 81.27 हेक्टेयर में लॉजिस्टिक पार्क बनाने का प्रस्ताव रखा गया।
अक्तूबर के पहले सप्ताह में सीएलपी का प्रजेंटेशन
शहर के विकास के लिए बेहद जरूरी सीएलपी का स्टेक होल्डर्स (CLP stakeholders) के सामने प्रजेंटेशन के बाद कमिश्नर ने इसमें सुधार के निर्देश दिए थे। इसके संशोधन पूरे कर लिए गए हैं। अक्तूबर के पहले सप्ताह में ही इसका प्रजेंटेशन होगा। - विजय कुमार, नगर नियोजक मेडा
विशेष विकास क्षेत्र पर फोकस
दौराला और कायस्थ गांवड़ी में 400-400 हेक्टेयर के दो विशेष विकास क्षेत्र प्रस्तावित किए गए हैं। शासन की ट्रांजिट ओरियंटेड पॉलिसी (टीओडी) लागू होने के बाद यहां मिश्रित भू-उपयोग भी अनुमन्य हो चुका है। इन इलाकों में नीचे कार्यालय और ऊपर मकान बनाए जा सकेंगे। यहीं पर न्यू इंटीग्रेटेड टाउनशिप (New Integrated Township) भी प्रस्तावित की गई है।
तीन ट्रांसपोर्टनगर की पैरवी
महायोजना में नए औद्योगिक हब की संभावनाओं को देखते हुए तीन ट्रांसपोर्ट नगर प्रस्तावित किए गए हैं। इसके तहत हस्तिनापुर, मवाना, लावड़, सरधना आदि में ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र चिह्नित किया गया है।