UP में ये रेलवे लाइनें की जा रही डबल पटरी, एक का दिसंबर तक पुरा होगा कार्य

UP News : उत्तर प्रदेश में रेल कनेक्टिविटी को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए सरकार  के द्वारा कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। पूरे उत्तर प्रदेश में रेलवे लाइन का जाल बिछाया जाएगा। रेलवे का सफर अन्य दूसरे विकल्पों से सुविधाजनक होने के साथ-साथ सस्ता पड़ता है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से डोमिनगढ़-कुसम्ही के बीच तीसरी रेलवे लाइन के निर्माण प्रक्रिया ने तेजी पकड़ ली है। 

 

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे के मामले में नंबर वन होने के साथ-साथ रेलवे कनेक्टिविटी की तरफ भी कहां ध्यान दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में कई रेलवे ट्रैक की निर्माण प्रक्रिया चल रही है। यह प्रोजेक्ट प्रदेश की आर्थिक उन्नति में में अहम योगदान निभाने वाले हैं। आने वाले समय में प्रदेशवासियों का सफर सस्ता होने के साथ-साथ आसान भी होने वाला है।

रेलमार्ग का दोहरीकरण युद्धस्तर पर जारी 

गोरखपुर-नकहा रेलवे लाइन और डोमिनगढ़-कुसम्ही थर्ड लाइन का दोहरीकरण दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। इस परियोजना के लिए रेल मंत्रालय ने 30 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इससे ट्रेनों का संचालन आसान होगा और समय पालन बेहतर होगा। गोरखपुर कैंट-वाल्मीकिनगर रेलमार्ग का दोहरीकरण भी युद्धस्तर पर किया जा रहा है। बता दे की 2025 में बाकी काम भी पूरे हो जाएंगे।

ट्रेनों का संचालन आसान होगा

दिसंबर तक गोरखपुर-नकहा रेलवे का दोहरीकरण और डोमिनगढ़-कुसम्ही थर्ड लाइन भी पूरा हो जाएगा। रेल मंत्रालय ने गोरखपुर-नकहा जंगल स्टेशन को डोमिनगढ़ से कुसम्ही के बीच एक थर्ड लाइन बनाकर दोहरीकरण कार्य को तेज करने के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। गोरखपुर से नकहा तक दोहरी लाइन बिछने से ट्रेनों का संचालन आसान होगा। नकहा स्टेशन पर ट्रेन बिना कारण नहीं रुकेगी। आम जनता का सफर समय से पूरा होगा। 

रेल मंत्रालय ने बजट में पूर्वोत्तर रेलवे के दोहरीकरण और तीसरी लाइन के निर्माण के लिए 1,242.10 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। गोरखपुर कैंट-वाल्मीकिनगर रेलमार्ग का दोहरीकरण शुरू हो चुका है। भटनी से औड़िहार तक 116 किमी की रेल लाइन पर 61 किमी की लाइन का दोहरीकरण पूरा हो गया है। शेष 55 किमी का दोहरीकरण भी तेजी से किया जा रहा है। 2025 में बाकी काम भी पूरे हो जाएंगे।

यार्ड रिमाडलिंग की भी योजना 

विशेषज्ञों का कहना है कि गोरखपुर जंक्शन में थर्ड लाइन और दोहरीकरण के साथ-साथ यार्ड रिमाडलिंग की भी योजना है। कैंट और कुसम्ही स्टेशन यार्ड को फिर से बनाया गया है। तीसरी रेल लाइन को बाराबंकी से छपरा तक गोरखपुर तक बनाने की भी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। थर्ड लाइन को मुख्य रेलमार्ग पर लगभग 425 किमी बिछाने का प्रस्ताव बनाया गया है। रेलवे प्रशासन ने थर्ड लाइन का चरणवार सर्वे भी शुरू किया है।