UP के ये स्कूल होंगे हाईटेक, 11 हजार करोड़ खर्च से बदल जाएगी तस्वीर, अभियान शुरू

Lucknow News सरकारी स्कूलों की सूरत बदलकर शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार 11 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। हर स्कूल पर 7.8 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। नीति आयोग के स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स (Education Quality Index) और परफार्मेंस ग्रेड इंडेक्स (performance grade index) में प्रदेश को प्रथम स्थान पर लाने के लिए सरकार इस कवायद में जुटी है। प्रदेश में 1.41 लाख परिषदीय व माध्यमिक विद्यालय हैं।
 

UP News : सरकारी स्कूलों की सूरत बदलकर शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार 11 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। हर स्कूल पर 7.8 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। नीति आयोग के स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स (Education Quality Index)  और परफार्मेंस ग्रेड इंडेक्स (performance grade index) में प्रदेश को प्रथम स्थान पर लाने के लिए सरकार इस कवायद में जुटी है।

प्रदेश में 1.41 लाख परिषदीय व माध्यमिक विद्यालय हैं। इनमें 2.37 करोड़ विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस वित्तीय वर्ष में सरकार प्रति विद्यार्थी 35 हजार रुपये और कुल 83 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

प्रति विद्यालय पर खर्च होंगे 7.8 लाख रुपये

सरकार का जोर प्रदेश के स्कूलों में जल्द से जल्द जरूरी सुविधाओं को उपलब्ध करवाने पर है। इसके लिए प्रति विद्यालय 7.8 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार ने अगस्त में कायाकल्प अभियान के तहत प्रदेश के जर्जर स्कूलों की दशा सुधारने के बाद अभियान के दूसरे चरण पर काम शुरू करवा दिया है।

प्रदेश सरकार की ओर से अबतक 1.36 लाख परिषदीय विद्यालयों का मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के साथ कायाकल्प किया जा चुका है। इस अभियान के तहत 11 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

वर्ष 2026 तक प्रदेश के 5760 विद्यालयों को विश्वस्तरीय अध्ययन सुविधाओं से जोड़ने की कवायद की जा रही है। स्कूल में आकर पढ़ाई न करने वाले बच्चों को शारदा और दिव्यांग बच्चों को समर्थ कार्यक्रमों के जरिए स्कूलों से जोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को भी कक्षा 12 तक उच्चीकृत किया गया है।

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