राजस्थान में 60 दिन बंद रहेगी ये बड़ी नहर, इन जिलों में जल संकट से बढ़ेगी परेशानी

Indira Gandhi Canal : इंदिरा गांधी नहर परियोजना, जो पश्चिमी राजस्थान की जीवन रेखा मणि जाती हैं। इंदिरा गांधी नहर परियोजना पर बुधवार 26 मार्च से नहरबंदी लागू होगी।  पश्चिमी राजस्थान में जोधपुर, बाड़मेर और जैसलमेर जिले इससे प्रभावित होंगे।

 
राजस्थान में 60 दिन बंद रहेगी ये बड़ी नहर, इन जिलों में जल संकट से बढ़ेगी परेशानी

​The Chopal: इंदिरा गांधी नहर परियोजना, जो पश्चिमी राजस्थान की जीवन रेखा है । इंदिरा गांधी नहर परियोजना की नहरबंदी आज, 26 मार्च 2025, से शुरू हो गई है, जो 27 मई 2025 तक जारी रहेगी। इस 60-दिवसीय नहरबंदी का प्रभाव राजस्थान के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, हनुमानगढ़, और श्रीगंगानगर जिलों पर पड़ेगा। ​नहरी किसानों को इस बार सिंचाई का पानी नहीं मिलेगा, क्योंकि नहर 27 मई तक बंद रहेगी।  पहले 30 दिनों तक केवल पेयजल के लिए 2 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा, जबकि 27 अप्रैल से 27 मई तक नहर में पूरी तरह से पानी की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी.

इंदिरा गांधी नहर परियोजना जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों में सिंचाई और पेयजल की आपूर्ति करती है। नहरबंदी के चलते इन जिलों में जल संकट गहराने की संभावना है। इस समस्या से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग और जलदाय विभाग ने जल भंडारण की योजना बनाना शुरू कर दिया।  दो हजार क्यूसेक पानी फीडर से आंशिक क्लोजर के दौरान भी लिया जाएगा, जिससे पेयजल की कमी को कुछ हद तक कम किया जा सकेगा।

पंजाब में 60 दिन का बंद

यह नहरबंदी इंदिरा गांधी नहर परियोजना के रिजाइनिंग कार्य के लिए की जा रही है। राज्य में नहर की मरम्मत और सफाई के लिए पूरे 60 दिन का क्लोजर रहेगा। हर साल अप्रैल में नहरबंदी की जाती है। इस बार भी नहरबंदी पंजाब सरकार की अनुमति के बाद ही लागू होगी।

नहर की मरम्मत हर साल अप्रैल में होती है

2018 में, न्यू डवलपमेंट बैंक ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना और अन्य परियोजनाओं के लिए 3,291 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया। इसके तहत इंदिरा गांधी मुख्य नहर और इसकी वितरिकाओं का नामांकन किया गया। 2018 में जल संसाधन विभाग ने लोहगढ़ हैड से काम शुरू किया था। इसके बाद हर साल अप्रैल में नहरों को बंद कर मरम्मत और सफाई की जाती है।

गर्मी में जल संकट बढ़ेगा

पानी की कमी गर्मियों में आम है, लेकिन 60 दिनों की नहरबंदी से स्थिति और खराब हो सकती है।  जलदाय विभाग पहले से ही पानी का भंडारण कर रहा है ताकि पेयजल संकट को कम किया जा सके।  नहरबंदी के दौरान लोगों को पीने का पानी मिलेगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में चुनौती

इस नहरबंदी से सबसे ज्यादा किसानों और ग्रामीण लोगों को परेशानी होगी।  पानी की कमी खेती और पशुपालन पर भी असर डालेगी क्योंकि यह नहर राजस्थान के कई जिलों में सिंचाई और पेयजल का मुख्य स्रोत है।  हालाँकि, शासन और सरकार जल भंडारण और वैकल्पिक जल आपूर्ति के माध्यम से इस समस्या से निपटने की कोशिश कर रहे हैं।  हर साल, इंदिरा गांधी नहर की नहरबंदी आवश्यक मरम्मत और सफाई के लिए की जाती है।  इस दौरान जलदाय विभाग और जल संसाधन विभाग ने जल संकट की आशंका को देखते हुए तैयारी शुरू कर दी है।  पीने का पानी भंडारण किया जा रहा है, लेकिन सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था प्रभावित हो सकती है, जो किसानों को मुसीबत में डाल सकती है।