इस झोपड़ी में होती है इस फसल की खेती, आप भी मात्र 2 महीने में कर सकते है 5-6 लाख की कमाई

Mashroom Farming : तस्वीरों में दिख रही यह झोपड़ी कोई आम झोपड़ी नहीं, बल्कि बेहद खास झोपड़ी है. इसे लखटकिया झोपड़ी कहा जाता है. लखटकिया हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस झोपड़ी के जरिए महज 2 महीने में 5-6 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. आखिर आप सोच रहे होंगे कि इस झोपड़ी में ऐसी कौन सी कोहिनूर है, जिससे महज 2 महीने में 5-6 लाख रुपए तक कमाया जा सकता है.

 

The Chopal, Mashroom Farming : तस्वीरों में दिख रही यह झोपड़ी कोई आम झोपड़ी नहीं, बल्कि बेहद खास झोपड़ी है. इसे लखटकिया झोपड़ी कहा जाता है. लखटकिया हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस झोपड़ी के जरिए महज 2 महीने में 5-6 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. आखिर आप सोच रहे होंगे कि इस झोपड़ी में ऐसी कौन सी कोहिनूर है, जिससे महज 2 महीने में 5-6 लाख रुपए तक कमाया जा सकता है. आपको बता दें कि इस झोपड़ी को मशरूम झोपड़ी कहा जाता है. इसमें मशरूम का उत्पादन किया जाता है. वैसे व्यक्ति जो मशरूम का उत्पादन करना चाहते हैं लेकिन उनके पास जगह की कमी है, तो इस तरह के झोपड़ी बनाकर भी लोग मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं. इसी उद्देश्य के साथ उद्यान विभाग ने यह योजना शुरू की है और इसमें किसानों को 50% सब्सिडी भी दी जा रही है.

बिहार के गया जिले में भी कई किसानों को मशरूम झोपड़ी योजना का लाभ दिया गया है. जिसमें एक ऐसे ही किसान है प्रेमनी देवी. प्रेमनी देवी बोधगया प्रखंड क्षेत्र के पड़रिया गांव की रहने वाली है. इनका पूरा परिवार झोपड़ी मशरूम उत्पादन से जुड़े हुए हैं. इन्होंने 32*52 की झोपड़ी बना रखी है. जिसमें 1000 मशरूम बैग रखा है. उनके यहां रोजाना 1 क्विंटल मशरूम का उत्पादन हो रहा है. इससे प्रतिदिन 15 हजार रुपये का आय हो रहा है.

इस संबंध में बोधगया प्रखंड क्षेत्र के उद्यान पदाधिकारी पीयूष कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि झोपड़ी मशरूम के जरिए किसान अच्छी आय कर सकते हैं. जिनके पास घर में जगह नहीं है वह इस योजना का लाभ लेकर मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं. इसमें किसानों को 50% सब्सिडी दिया जा रहा है. प्रेमनी देवी ने इस योजना का लाभ लिया है और इससे वह रोजाना 15 हजार रुपए का मशरूम बेच रही है.

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