UP का ये हाईवे होगा फोरलेन, 33 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहण, 4 का रेट फाइनल

यूपी की सरकार 61 किलोमीटर इस लंबे हाइवे को बनाने के लिए 2 साल से काम कर रही है। इस हाइवे को बनाने के लिए 33 गांवों की जमीन की आवश्यकता होगी जिसमें से अभी तक चार गांव के रेट ही फिक्स हुए हैं। इस हाईवे को बनाने के लिए 4 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाऐंगे।
 

UP News : मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा से काशीपुर तक जाने वाले करीब 61 किलोमीटर लंबे फोरलेन हाईवे के निर्माण के लिए केंद्र सरकार दो साल से प्रयास कर रही है, लेकिन जमीन का बंदोबस्त करने में जिला प्रशासन की चाल सुस्त है। केंद्र सरकार ने इस सड़क का निर्माण करने के लिए चार हजार करोड़ धन आवंटित किया है। अभी तक मुरादाबाद जिला प्रशासन ने 39 गांवों में सिर्फ चार का मूल्यांकन किया है।

इसी कारण जर्जर रोड का काम अटका पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून में जनवरी 2022 में कई सड़कों का शिलान्यास किया था। इसमें मुरादाबाद -काशीपुर की सड़क के फोर लेन भी प्रस्तावित थी। इस सड़क के निर्माण के लिए 4002 करोड़ रुपये आवंटित किया गया।

काशीपुर से मुरादाबाद के बीच एनएच के लिए कुल 195.9735 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करना है। इसमें मुरादाबाद जिले के 200 किसानों की 73 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत करना है। मुरादाबाद जिला प्रशासन ने 39 गांवों की जमीन को अधिग्रहण के लिए चयनित किया है।

सिटी मजिस्ट्रेट किंशुक श्रीवास्तव के अनुसार अभी चार गांवों का आकलन कर मुआवजे के लिए रिपोर्ट भेजी गई है। धीरे-धीरे सभी गांवों का आकलन होने में समय लगेगा। इसी प्रकार उत्तराखंड के हिस्से में 25 गांवों की जमीनों का अधिग्रहण किया जाना है। वहीं काशीपुर (उत्तराखंड ) में भी जमीन के अधिग्रहण का कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है।

मुरादाबाद ठाकुरद्वारा के निर्माण को लेकर दोनों विभाग भिड़े

मुरादाबाद से ठाकुरद्वारा जाने वाली एनएच 734 के 18 किलोमीटर सड़क की मरम्मत करने के लिए एनएचएआई ने लोनिवि को जिम्मेदारी दी थी। इसके लिए एनएचएआई ने लोनिवि को सात करोड़ रुपये दिया था। अभी भी टू लेन की सड़क जर्जर हालत में है। एनएचएआई इसी कारण उसे अपने अधीन नहीं लेना चाहता है। दोनों विभाग एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। विवाद का मामला मंडलायुक्त तक पहुंच गया है।

रिंग रोड का 157 करोड़ मुआवजा दिया गया

जिला प्रशासन ने रिंड रोड का निर्माण कराने के लिए जमीन का अधिग्रहण पूरा हो गया है। इस रोड के निर्माण के लिए 33 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की गई है। सभी किसानों को 419 करोड़ रुपये मुआवजा एनएचएआई को देना है। एक सप्ताह पहले किसानों ने जमीन कब्जे को लेकर एनएचआई के कार्यों का विरोध किया था। मंडलायुक्त ने इस मामले में किसानों से बातचीत कर फसल काटने के लिए उनको सितंबर तक का समय दिया है। जमीन मिलने के बाद रिंग रोड बनाने के आसार बढ़ गए हैं।

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