यूपी का यह इंटरनेशन एयरपोर्ट होगा गेम चेंजर साबित, पूरी दुनिया में विकास के खुलेंगे द्वार

राजधानी दिल्ली से लगभग 75 KM दूर उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्द नगर जिले में नोएडा इंटरनेशन एयरपोर्ट का निर्माण जोरों पर चल रहा है। चार मंजिलों का एयरपोर्ट बन रहा है।
 

The Chopal - राजधानी दिल्ली से लगभग 75 KM दूर उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्द नगर जिले में नोएडा इंटरनेशन एयरपोर्ट का निर्माण जोरों पर चल रहा है। चार मंजिलों का एयरपोर्ट बन रहा है। सितंबर 2024 तक पहली कड़ी पूरी हो जाएगी। इसमें लगभग छह हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। एयरपोर्ट का निर्माण उत्तर प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा। नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जानें..

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एयरपोर्ट का निर्माण अक्टूबर 2021 में शुरू होगा और 29 सितंबर 2024 तक 1095 दिन में पूरा होना है। यह एयरपोर्ट पूरा होने पर देश का सबसे बड़ा होगा। यह भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना है। साथ ही एयरपोर्ट को कार्गो हब बनाना है। एयरपोर्ट का लगभग 55 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) कंपनी नोएडा एयरपोर्ट का पूरा काम देखती है।

स्विट्जरलैंड की कंपनी बनाती है एयरपोर्ट

स्विट्जरलैंड का ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट (ZIAA) बनाया जा रहा है। कंपनी ने चार दशक से एयरपोर्ट का रखरखाव और संचालन करने का अनुबंध किया है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई (NIA) और यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजना हैं, जो यूपी सरकार द्वारा संचालित है। ZIAA की कंपनी YIAPL है।

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लगभग छह हजार करोड़ रुपये हो सकते हैं

पूरा बनने के बाद हवाई अड्डे की क्षमता हर साल सात करोड़ यात्रियों को संभाल सकेगी। साथ ही  लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में दो टर्मिनल भवन भी बनेंगे। 1334 हेक्टेयर क्षेत्र में पहले चरण का काम चल रहा है, जिसकी लागत ₹5730 करोड़ से ₹6000 करोड़ तक हो सकती है। पूरी योजना लगभग ३००० करोड़ रुपये की है।

पूरा एयरपोर्ट 5000 हेक्टेयर में बनेगा

पहले चरण में एक रनवे बनाया जा रहा है। रनवे की चौड़ाई 60 मीटर और लंबाई 3900 मीटर होगी। 2024 में इस रनवे पर यात्री सेवाएं शुरू होंगी। शुरुआत में एयरपोर्ट से लगभग 52 लाख यात्री निकलेंगे। 1365 हेक्टेयर में दूसरा चरण बनाया जाना है। लगभग 5000 हेक्टेयर में पूरा एयरपोर्ट बनेगा।

हर साल पांच लाख विमानों की आवाजाही होगी

टर्मिनल तीन मंजिलों पर बनाया जाएगा। एक स्थान से आगमन होगा और दूसरा स्थान से प्रस्थान होगा। वे तीन एप्रोच टैक्सी होंगे। टर्मिनल की क्षमता एक करोड़ बीस लाख यात्रियों की होगी। दस घरेलू गेट और दो अंतर्राष्ट्रीय गेट होंगे। दस इमीग्रेशन काउंटर भी होंगे। 48 परीक्षण केंद्र होंगे। चौथे चरण तक एयरपोर्ट पर दो रनवे होंगे और हर साल सात करोड़ यात्री आएंगे। सालाना पांच लाख विमानों की आवाजाही होगी।

2024 की शुरुआत में परीक्षा का लक्ष्य

एयरपोर्ट बनाने में 3500 से अधिक लोग काम कर रहे हैं। निर्माण कार्य को सितंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है, लेकिन अगले वर्ष की शुरुआत में ही एयरपोर्ट पर ट्रायल शुरू करने का लक्ष्य है। एयरपोर्ट पर चार से छह महीने का अभ्यास होगा। कामर्शियल यात्री सेवा निर्धारित समय पर शुरू होगी। साथ ही, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) टावर का निर्माण पूरा होने के लिए भी काम चल रहा है। टर्मिनल का निर्माण अभी भी जारी है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने हवाई क्षेत्र का कांसेप्ट बनाया है।

कार्गो हब 

80 एकड़ में मल्टीमॉडल कार्गो हब बनाने के लिए AI Sates से अनुबंध हो चुका है। पहले चरण में दो लाख पचास हजार मीट्रिक टन कार्गो की क्षमता होगी। चौथे चरण में बीस लाख मिट्रिक टन का विस्तार होगा। 28 से 186 एयरक्राफ्ट स्टेंड भी होंगे।

एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक पॉड टैक्सी

उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां पॉड टैक्सी चलेगी। ये पॉड टैक्सी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के बीच चलेंगे। दैनिक रूप से लगभग 37,000 यात्रियों को जेवर एयरपोर्ट से पॉड टैक्सियों द्वारा सेक्टर 21 फिल्म सिटी से जोड़ा जाएगा। समाचार पत्रों के अनुसार, यह कारिडोर 14.6 किमी लंबा होगा और इसमें बारह स्टॉप होंगे। यह विश्व का सबसे बड़ा पॉड कारिडोर बन जाएगा। 641 करोड़ रुपये की परियोजना में एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक 14.6 किलोमीटर का एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। यह पॉड टैक्सी का सबसे लंबा ट्रैक होगा।

एयरपोर्ट से आसपास के शहरों और राज्यों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी

नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से नोएडा एयरपोर्ट तक एक मेट्रो की डीपीआर बनाई जा रही है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे नोएडा एयरपोर्ट को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एक्सप्रेस-वे से जोड़ेगा। दिल्ली एयरपोर्ट से गुरुग्राम, फरीदाबाद, राजमार्ग से साहूपुरा आइएमटी चौक पर पहुंचकर सीधे नोएडा एयरपोर्ट जा सकते हैं।

ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, कुंडली-गाजियाबाद-पलवल-केजीपी एक्सप्रेस-वे (ईस्टर्न पेरिफेरल कारीडोर) और यमुना एक्सप्रेस-वे को नोएडा एयरपोर्ट से जोड़ेगा।

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, जो 32.5 किमी लंबा होगा, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिल्ली-मुंबई कारीडोर, मथुरा नेशनल हाईवे, ईस्टर्न पेरीफेरल-वे, इंदिरा गांधी एयरपोर्ट दिल्ली और बल्लभगढ़, हरियाणा से सीधे जोड़ेगा। जो 8.5 किमी उत्तर प्रदेश और 24 किमी हरियाणा से होगा।

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे (EPE) और यमुना एक्सप्रेस-वे की दूरी जल्द ही समाप्त होगी। दोनों राजमार्गों को एक साथ जोड़ने के लिए इंटरचेंज का निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा।