मोदी सरकार के इस मास्टर प्लान से जनता होगी निहाल, ट्रैफिक जाम से मिलेगी मुक्ति
 

Union Ministry of Roads, Transport and Highways : देश भर के भीड़भाड़ वाले शहरों में ट्रैफिक जाम जल्द ही खत्म हो जाएगा। शहरों को ट्रैफिक जाम से बचाने के लिए सरकार ने एक योजना बनाई है। इस योजना का उद्देश्य नए राजमार्ग निर्माताओं के साथ मिलकर हाई स्पीड एक्सप्रेस-वे बनाना है।

 

The Chopal, नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देश के भीड़भाड़ वाले शहरों को ट्रैफिक जाम से बचाने के लिए एक योजना बनाई है। इस कार्यक्रम में दिल्ली के सराय काले खां से गाजीपुर के बीच बनाए गए हाई स्पीड एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर सड़कें बनाई जाएंगी, साथ ही हाइवे भी बनाए जाएंगे। ऐसे मार्ग पर कोई रेडलाइट या कट नहीं होगा। इस हाई स्पीड कॉरिडोर में प्रवेश करने के बाद, ट्रैफिक सिर्फ आवश्यकतानुसार इसके अंतिम छोर से बाहर निकलेगा।

पूरे देश में बिछेगा एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस-वे का जाल

केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के चीफ सेक्रेटरी अनुराग जैन ने कहा कि इस तरह का एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस-वे देश भर में बनाया जाएगा। इससे बहुत लाभ होगा। हाइवे, जिसमें कई बार स्लो ट्रैफिक होता है, से जुड़ना चाहिए। ऐसे एक्सप्रेस-वे बनाने से लोगों को जाम से छुटकारा मिलेगा और ट्रैफिक की स्पीड भी बढ़ेगी। खासतौर से उन लोगों के लिए, जिन्हें शहर के बीच में जाना ही नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना को प्राथमिकता देने पर बाकायदा अध्ययन शुरू किया गया है। इस तरह के एक्सप्रेस-वे पर गलत प्रवेश नहीं करना चाहिए। इसके लिए बहुत सारे साइनेज और जागरूकता की आवश्यकता होगी।

ये पढ़ें - Aaj Ka Mausam : दिल्‍ली, हरियाणा व राजस्‍थान में होगी भयंकर बारिश, बढ़ रहे हैं मेघ 

मार्च तक सैटलाइट आधारित टोल प्रोजेक्ट शुरू होगा।

उनका कहना था कि सैटलाइट आधारित टोल लेने वाले परियोजना की शुरुआत में देश में आठ से दस टोल रोड शामिल होंगे। दिल्ली-जयपुर हाईवे भी इसमें शामिल हो सकता है। इस काम को मार्च तक शुरू कर दिया जाएगा। यहां से मिली प्रतिक्रियाओं के आधार पर, देश भर में सैटलाइट से टोल लेने का प्रोजेक्ट धीरे-धीरे शुरू किया जाएगा।

सिलक्यारा टनल के काम को आगे बढ़ाया जाएगा

सिलक्यारा टनल पर चीफ सेक्रेटरी अनुराग जैन ने कहा कि इस हादसे से हमने बहुत कुछ सीखा है। हादसे के बाद परियोजना का सर्वे किया गया था। इससे पता चलता है कि सिलक्यारा टनल परियोजना इतनी खराब नहीं है कि उसे बंद करना चाहिए। उसी टनल में आवश्यक सुरक्षा उपायों के साथ काम चलाया जाएगा। उनका कहना था कि अभी तक पूरी तरह से जांच नहीं की गई है कि टनल के किस भाग में सबसे अधिक क्षति हुई है। इसके लिए हर महीने एक कमिटी रिपोर्ट देगी, जिसमें टनल की सभी सुरक्षा जांचों का विश्लेषण किया जाएगा। साथ ही पहाड़ों में बन रही, बनने वाली या पहले से बन चुकी सुरंगों की सुरक्षात्मक जांच भी की जा रही है। 

ये पढ़ें - यूपी में मूसलाधार बारिश के साथ ओलावृष्टि मचाएगी तबाही, भविष्यवाणी से अलर्ट