UP में 110 गावों को चीरती जाएगी ये नई रेल लाइन, बनाएं जाएंगे 57 पुल

UP News: सीपीआरओ पूर्वोंत्तर रेलवे पंकज कुमार सिंह ने बताया कि सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन रूट पर महत्वपूर्ण पुल (घाघरा नदी) एवं अन्य कार्यों के लिए टेंडर की प्रक्रिया को शुरू किया जा चुका है। इस प्रोजेक्ट को विशेष प्रोजेक्ट का दर्जा देकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में भी तेजी लाने का काम किया जा रहा है।

 

Uttar Pradesh Latest News : दोहरीघाट-सहजनवा रेलवे लाइन का काम शुरू हुआ है। NRE रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने सहजनवा क्षेत्र में 11 किमी लंबी रेलवे लाइन को 43 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना दी है। इसी वर्ष रेल मंत्रालय ने सहजनवा-दोहरीघाट नई रेल लाइन को विशेष रेल लाइन परियोजना में शामिल किया। इसके बाद, प्रक्रिया तेज हो गई है।

चार साल में दोहरीघाट-सहजनवा रेलवे लाइन बनाई जाएगी। यह परियोजना तीन चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में, मार्च 2024 तक सहजनवा से बैदौली तक 27 किलोमीटर की रेलवे लाइन बनाने का लक्ष्य है। दूसरे चरण में, मार्च 2025 तक बैदौली से गोला बाजार तक 29 किलोमीटर की एक रेलवे लाइन बनाने की योजना है। मार्च 2026 तक तीसरी और अंतिम चरण की कार्यवाही पूरी करने का लक्ष्य है। इसमें गोलाबाजार से न्यू दोहरीघाट तक एक 25.5 किलोमीटर का रेलमार्ग बनाया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की घोषणा के साथ ही प्रक्रिया शुरू हो गई है। सहजनवा-दोहरीघाट नई रेल लाइन को 17 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने 1320 करोड़ का बजट भी स्वीकृत कर दिया था।

111 गांवों से गुजरेगी रेल लाइन, अधिग्रहण शुरू

दोहरीघाट-सहजनवा रेलवे लाइन में मऊ और गोरखपुर राज्य के 111 गांव शामिल होंगे। अधिग्रहण शुरू हो गया है। रेल लाइन बिछाने के लिए इन गांवों में 359 एकड़ जमीन मिलनी चाहिए। East Railway ने जिला प्रशासन को चिन्हित जमीन का अभिलेख दिया है। अब जिला प्रशासन अधिग्रहण करने लगा है।

इस बार के बजट में मिले हैं 205 करोड़ रुपये

एनईआर इस काम के लिए मौजूदा बजट से 205 करोड़ रुपये पाया है। बजट मिलने से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज होगी। 81 किलोमीटर की इस लाइन पर 10 बड़े और 47 छोटे पुल बनाए जाएंगे। इनमें सरयू नदी पर सबसे बड़ा पुल है, जो दोहरीघाट और बड़हलगंज के बीच बनाया जाएगा।

कम होगी गोरखपुर से वाराणसी की दूरी

नई रेल लाइन बनने से गोरखपुर से वाराणसी की दूरी कम हो जाएगी। गोरखपुर से भी वाराणसी, प्रयागराज और लखनऊ के लिए दोहरीघाट से ट्रेनें चलने लगेंगी। दोहरीघाट से इंदारा के माध्यम से मऊ और वाराणसी रेलवे से जुड़ जाएगा। पूर्वांचल में रेलवे लाइनें बिछ जाएंगी।

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