यह मसाला कर देगा किसान को मालामाल, 35 दिन में पक कर तैयार

भारत के किसान दिन-प्रतिदिन नए प्रयोग कर आधुनिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. साथ ही अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. अब किसान सिर्फ पारंपरिक खेती तक सीमित नहीं रह गए, बल्कि मालामाल करने वाली खेती भी कर रहे हैं.
 

The Chopal : भारत के किसान दिन-प्रतिदिन नए प्रयोग कर आधुनिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. साथ ही अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. अब किसान सिर्फ पारंपरिक खेती तक सीमित नहीं रह गए, बल्कि मालामाल करने वाली खेती भी कर रहे हैं. ऐसी ही एक खेती सौंफ की है, जिसमें अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. सौंफ की मांग मार्केट में बहुत होती है. यह मसाले के साथ-साथ माउथ फ्रेशनर के रूप में भी बिकती है.

सौंफ एक सुगंधित मसाले वाली फसल है, जिसकी खेती किसान आसानी से कर सकते हैं. सौंफ की व्यापक पैमाने पर खेती भारत के गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में होती है. झारखंड के किसान भी इसकी खेती कर मालामाल बन सकते हैं. इसके लिए विशेष प्रबंधन की जरूरत है. अगर इसकी समय पर खेती की जाए तो किसान अपना बैंक बैलेंस बढ़ा लेंगे.

ऐसी मिट्टी का करें चयन

सौंफ एक ऐसी फसल है, जिसकी खेती रेतीली भूमि के अलावा सभी जगह पर की जा सकती है. इसके लिए किसान बलधुस जमील का चयन कर सकते हैं, जिसका पीएच मान 6.6 से लेकर 8.0 तक हो. ऐसी जमीन पर सौंफ की खेती की जा सकती है. इसकी खेती के लिए तापमान 20 से 35 डिग्री तक के बीच उपयुक्त है.

इन प्रभेद का करें चयन

कृषि विज्ञान केंद्र चियांकी के कृषि विज्ञानिल डॉ. रमेश कुमार ने Local 18 को बताया कि 210 से 225 दिन में तैयार होने वाली फसल के प्रभेद मार्केट में मिलते हैं. वहीं किसान कम समय में तैयार होने वाले प्रभेद का चयन कर सकते हैं. इसके लिए किसान 150 से 160 दिन में तैयार होने वाले प्रभेद जैसे गुजरात सौंफ 11, गुजरात सौंफ 2, सीओ 01 प्रभेद का चयन कर सकते हैं. ये प्रभेद कम समय में अच्छा मुनाफा देते हैं.

इस तरह खेत को करें तैयार

आगे बताया कि सौंफ की खेती के लिए किसान खेत की अच्छी तरह गहरी जुताई कर लें. इसमें नाइट्रोजन की मात्रा 40 किलो प्रति एकड़ और फास्फेट की मात्रा 20 किलो प्रति एकड़ की दर से इस्तेमाल करें. खेत की अंतिम जुताई के समय इसमें आप कंपोस्ट खाद 8 से 10 टन प्रति एकड़ की दर से मिलाएं. इसकी खेती के लिए किसान छींटा विधि या सीधी बुआई कर सकते हैं. इसके लिए किसान क्यारी जरूर तैयार करें. इसकी खेती के लिए किसान 20 सेंटीमीटर की दूरी पर बुआई करें. उचित दूरी पर बोने से निराई-गुड़ाई के साथ फसल भी अच्छी होती है.

बीज लगाने से पहले उपचार

कृषि वैज्ञानिक ने बतया कि फसल की खेती ऐसी जगह पर करें, जहां भूमि में कार्बनिक मात्रा अच्छी हो. इसके रोपनी करने से पहले बीज उपचार अवश्य करें. बीज उपचार के लिए बाजार से वेमिस्टिन 2 ग्राम प्रति किलो बीज दर से मिलाकर इसे सुखा लें. ऐसा करने से बीज में कोई भी रोग नहीं लगता. इसके अलावा बीज उपचार के लिए गौमूत्र का प्रयोग कर सकते हैं.

35 दिन में करें कटाई, अच्छा मिलेगा मुनाफा

बाजार में मसाले के लिए बड़ी सौंफ बिकती है. लेकिन, सबसे ज्यादा छोटी सौंफ की डिमांड होती है. ऐसे में जब 35 से 40 दिन में फूल खिल जाएं तभी किसान इसकी हार्वेस्टिंग कर सकते हैं. किसान एक एकड़ में 15 से 17 हजार रुपये तक मुनाफा कमा सकते हैं. बड़ी सौंफ से छोटी सौंफ बाजार में 1.5 गुना महंगी बिकती है. इसकी लागत लगभग 10 से 12 हजार प्रति एकड़ होती है. वहीं, तैयार होने के बाद 15 से 17 हजार तक मुनाफा मिलता है. छोटी सौंफ की बात की जाए तो एकड़ में 2 से 3 क्विंटल तैयार होती है. वहीं, बड़ी सौंफ 7 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ प्राप्त होती है, जो किसानों को आय के साथ स्वावलंबी भी बनाती है.