देशी जुगाड़ से सारे गांव को फ्री बिजली दे रहा यह युवक, 24 घंटे चलते है कूलर पंखे 

भारत में आप हर क्षेत्र में कलाकारों को देख सकते हैं जो अपने काम को इतना आसान बनाने के लिए ऐसी तकनीक का उपयोग करते हैं कि वैज्ञानिक भी हैरान हो जाते हैं। फिर आटा पीसने की चक्की बनाना, एक सुंदर इल्क्ट्रीक बाइक बनाना या छोटी छोटी चीजों को मिलाकर बिजली बनाना। पढ़िए विस्तार से 
 

The Chopal : भारत में आप हर क्षेत्र में कलाकारों को देख सकते हैं जो अपने काम को इतना आसान बनाने के लिए ऐसी तकनीक का उपयोग करते हैं कि वैज्ञानिक भी हैरान हो जाते हैं। फिर आटा पीसने की चक्की बनाना, एक सुंदर इल्क्ट्रीक बाइक बनाना या छोटी छोटी चीजों को मिलाकर बिजली बनाना। इस तरह की देसी जुगांड़ की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती हैं।

हाल ही में एक वीडियो वायरल हो गया है जिसमें एक व्यक्ति ने देशी जुगाड़ से बिजली बनाकर लोगों को एक बड़ी मिसाल दी है। अब पूरा गांव बिजली से लैस है, क्योंकि इस आदमी ने ऐसा किया है। इस गांव को 24 घंटे बिजली मुफ्त मिल रही है।

इस बिजली को बनाने का श्रेय एक युवा को जाता है जिसने बिना संसाधनों और पैसे के भी बिजली बनाने की कोशिश की लेकिन फिर भी अपने देसी जुगाड़ से खुद बिजली बनाने की कोशिश की है। वह ग्रामीणों को हर दिन बिजली मुफ्त देता है। उसकी इस देसी चाल को देखकर जानकार भी हैरान हैं। इस युवा का कारनाम सरकार की प्रशंसा के योग्य है। इस जुगाड़ में उसने इतना कारिश्मा कर दिखाया है कि बड़े-बड़े इंजीनियरों को भी आश्चर्य हो गया है।

एक 28 वर्षीय युवा ने यूट्यूब की मदद से टरबाइन तकनीक सीखी, जो उसने अपने घरेलू काम में किया था। टरबाइन को स्थापित करने के लिए गांव में एक ढलान वाली जगह पर एक गड्ढा खोदा गया। इस प्रणाली की सहायता से उसने गांव को 24 घंटे तक बिजली मुफ्त दी।इन सभी कार्यों को पूरा करने में उसे लगभग बारह हजार रुपये खर्च आए। 2500 बॉट की बिजली इससे बनाई जाती है।

ये भी पढ़ें - Business Idea : घर की छत्त से करें इस बिजनेस की शुरुआत, हर महीने 30 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक की तगड़ी आमदनी 

शानदार बनाया गया प्रोजेक्ट, जिसे जानकार बी अब गांव में बिजली बनाने के लिए बनाया गया है। कमिल ने अपने देसी जुगाड़ से इस गांव के पहाड़ी इलाकों में बिजली की कमी को दूर किया है। अब अधिकारी अन्य गांवों में ऐसे ही टरबाइन लगाने का विचार कर रहे हैं।

विज्ञान से इंटर पास कमिल धनबाद के बीसीसीएल में पैथोलॉजी के टेक्नीशियन हैं, कृपया बताएं। इस परियोजना को तैयार करने में उन्होनें विज्ञान की पुस्तकों का सहारा लिया। पानी के दबाव से टरबाइन से बिजली बनाने का क्या तरीका है? इसी सिद्धांत पर उन्हें काम करना पड़ा है।

कमिल ने ली को YouTube पर मदद की, जहां उन्होंने टरबाइन बनाने का सबसे पहला तरीका सीखा। 2014 में उन्होंने इस परियोजना पर काम शुरू किया। फिर उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर गांव के पास एक कच्चा बांध बनाकर ऑयरा झरिया नदी का पानी रोक दिया। बाद में, लगभग 100 फीट की गहराई में एक गड्ढा खोदकर टरबाइन स्थापित किया।

ये भी पढ़ें - यह होगी देश की पहली CNG बाइक, दाम भी होगा काफी सस्ता, जानिए क्या होगा खास