दिल्ली से हावड़ा व मुंबई रूट पर अब ‘हब एंड स्पोक’ विधि से चलेंगी ट्रेन
 

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली-हावड़ा व दिल्ली-मुंबई रेलमार्गों पर क्षमता से 200 फीसदी तक अधिक यात्री ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसके परिणामस्वरूप, यात्री ट्रेनों की औसत रफ्तार घट जाती है।
 

The Chopal - रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली-हावड़ा व दिल्ली-मुंबई रेलमार्गों पर क्षमता से 200 फीसदी तक अधिक यात्री ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसके परिणामस्वरूप, यात्री ट्रेनों की औसत रफ्तार घट जाती है। रेलवे बोर्ड ने बताया कि दोनों प्रमुख रूट पर सेमी हाईस्पीड (160-200 किलोमीटर प्रतिघंटा) स्लीपर ट्रेनों को चलाना चाहता है, लेकिन रूट पर यात्री ट्रेनों के भारी दबाव से ऐसा करना असंभव है। ऐसा करने से अन्य ट्रेनों का समय पालन बिगड़ जाएगा। इसलिए, इन मार्गों पर ट्रेनों को ‘हब एंड स्पोक’ प्रणाली पर चलाने की योजना बन रही है।

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क्या है "हब एंड स्पोक" व्यवस्था?

अधिकारी ने कहा कि अमेरिका के कई हिस्सों में "हब एंड स्पोक" व्यवस्था लागू है। यात्रियों और कार्गो ट्रेनों को पूरी क्षमता पर चलाना इसका उद्देश्य है। इस प्रणाली में एक मुख्य हब स्टेशन है, जहां से ट्रेनें अन्य छोटे स्टेशनों (स्पोक) में जाती हैं। यात्री जो लंबी दूरी पर जाते हैं, सेमी हाईस्पीड ट्रेनों से हब स्टेशन तक जाते हैं, जहां से सामान्य ट्रेनें उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचती हैं। इस प्रणाली का लक्ष्य यह है कि गाड़ियां सिर्फ एक स्थान से ज्यादा से ज्यादा स्थानों की ओर भेजी जाएं।

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ट्रेनें सेमी हाईस्पीड में चल सकती हैं

वंदे भारत जैसी सेमी हाईस्पीड ट्रेनों को टर्मिनल स्टेशनों (हब) पर ठहराया जाएगा, अधिकारी ने बताया। जहां से यात्री स्पोक यानी छोटे-छोटे स्टेशनों (स्पोक) की ओर चलनेवाली ट्रेनों में सवार होकर अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं। भारत की सेमी हाईस्पीड वंदे, ‘हब एंड स्पोक’ प्रणाली से व्यस्त रेल रूटों पर अपनी पूरी क्षमता से दौड़ सकेंगी।