Delhi में यहां बनाई जाएगी टनल, जुड़ जाएंगे 3 एक्सप्रेसवे, लाखों वाहन चालकों की मौज
The Chopal ( New Delhi ) दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली में शिव मूर्ति चौक से नेल्सन मंडेला मार्ग तक लगने वाले ट्रैफिक जाम को खत्म करने के लिए टनल बनाने का काम जल्द शुरू होगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने प्रोजेक्ट से जुड़ी मंजूरी लेने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसके लिए पर्यावरण से जुड़ी करीब सभी स्वीकृति मिल गई हैं। कुछ बिंदुओं पर मंजूरी मिलनी है, जो अगले कुछ दिनों में मिलने की उम्मीद है। अगले एक से दो महीने के अंदर प्रोजेक्ट के कार्य क्षेत्र में आने वाले सीवर, पानी और गैस की पाइप लाइन को हटाया जाएगा। उसके बाद बिजली के खंभों और अंडरग्राउंड लाइन को शिफ्ट करने का काम शुरू किया जाएगा।
एनएचएआई से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यह प्रोजेक्ट जाम को खत्म करने के लिहाज से काफी अहम है, क्योंकि पास में महिपालपुर और रंगपुरी बाजार हैं, जहां भारी जाम रहता है। शिव मूर्ति चौक से नेल्सन मंडेला मार्ग को जोड़ने वाली टनल के तैयार होने पर प्रतिदिन करीब तीन लाख वाहनों का बिना किसी बाधा को आवागमन हो सकेगा।
इन एक्सप्रेसवे और हाईवे से जुड़ेगा
इस प्रोजेक्ट के बनने से एनएच-248 बीबी (द्वारका एक्सप्रेसवे), एनएच-48 दिल्ली-जयपुर और दिल्ली से फरीदाबाद की तरफ जाने वाले एनएच-148एई आपस में जुड़ जाएंगे। अगले कुछ महीने में शिव मूर्ति चौक से शुरू हो रहा द्वारका एक्सप्रेसवे भी यातायात के लिए खुलने वाला है। इसके बाद शिव मूर्ति से नेल्सन मंडेला मार्ग की तरफ जाने वाले वाहनों की संख्या बढ़ेगी। ऐसी स्थिति में वाहनों का दबाव कम करने और बिना रुकावट के वाहनों का आवागमन सुनिश्चित करने के लिए प्रोजेक्ट काफी अहम है। इसलिए दिल्ली सरकार से जुड़े सभी विभागों से भी एनएचएआई द्वारा मंजूरी ली जा रही है।
पांच साल में बनने की उम्मीद
टनल बनाने में लंबा समय लगेगा। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि चलते ट्रैफिक के बीच टनल बनाने का काम काफी चुनौती पूर्ण होता है, जिसकी वजह से प्रोजेक्ट पर समय लगेगा। दूसरे जिस लोकेशन पर टनल बनाई जानी है, उसके आसपास में सीवर, पानी की काफी पाइप लाइन है और उसके बाद गैस, बिजली और अन्य लाइनें भी दबी हुई हैं, जिन्हें हटाने में करीब छह से आठ महीने का समय लग सकता है। इसलिए काम को पूरा करने में समय लगेगा। लाइन शिफ्टिंग का काम पूरा होने पर निर्माण कार्य पूरी गति के साथ शुरू हो पाएगी। टनल की चौड़ाई छह लेन की होनी है, जिस कारण से मिट्टी निकालने का काफी भी काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा।
रिज क्षेत्र में काम करने की अनुमति
जिस हिस्से में टनल का निर्माण किया जाना है। उसके एक हिस्सा में अरावली पर्वत का भी हिस्सा आता है, जिसके तहत काम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लिया जाना जरूरी है। दिल्ली में इस अनुमति के लिए रिज मैनेजमेंट बोर्ड बना हुआ है। बोर्ड की तरफ से सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी के पास प्रस्ताव जाता है जो लिखित तौर पर सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देती है कि प्रोजेक्ट का निर्माण किए जाने से कोई नुकसान नहीं है। टनल से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिल गई है।
ये है स्थिति
4.78 किलोमीटर प्रोजेक्ट की लंबाई
2000 करोड़ (करीब) कुल लागत
2.28 किलोमीटर टनल की कुल लंबाई
2027 अगस्त पूरा करने की अवधि
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