MP समेत 2 राज्यों में बिछेगी दो मल्टी ट्रैकिंग रेल लाइन, 784 गांवों को होगा सीधा फायदा
MP News : मध्य प्रदेश के इन इलाकों के बीच 42 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी रेल लाइन के निर्माण को लेकर अनुमति मिल गई है। यह रेल लाइन प्रदेश में विशेष महत्व रखने वाला मार्ग है। इसके साथ ही महाराष्ट्र के वर्धा और बल्लारशाह के बीच चौथी रेल लाइन शामिल है। केंद्र की तरफ से इस प्रोजेक्ट पर 3399 करोड रुपए खर्च करने का अनुमान लगाया जा रहा है।

Madhay Pradesh News : मध्य प्रदेश के रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल या समिति ने भारतीय रेलवे के दो महत्वपूर्ण मल्टी ट्रैकिंग परियोजनाओं को अनुमति दी है। इस परियोजना का लाभ महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार जिलों को होगा। इसमें रतलाम-नागदा सेक्शन में तीसरी व चौथी रेलवे लाइन और वर्धा-बल्लारशाह की चौथी रेल लाइन शामिल है।
मध्य प्रदेश के लिए रतलाम-नागदा रेल परियोजना को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ेगी। परिवहन क्षमता में बड़ा सुधार होगा। 18.40 मिलियन टन प्रति वर्ष अतिरिक्त माल ढुलाई की क्षमता का सृजन होगा। मामले में एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव ने परियोजना की मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को धन्यवाद दिया।
इतनी आएगी लागत
इन परियोजनाओं से भारतीय रेलवे नेटवर्क में लगभग 176 किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी। फिलहाल, इन रेल परियोजनाओं पर 1018 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जबकि पूरी परियोजना की कुल लागत 3,399 करोड़ रुपये आंकी गई है। 2029-30 तक इन परियोजनाओं को पूरा करना का लक्ष्य रखा गया है।
मध्य प्रदेश को ट्रेनों की भी सौगात
परियोजनाएं देश की लॉजिस्टिक लागत, तेल आयात (20 करोड़ लीटर) और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करेंगी, जो 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। परियोजनाओं के निर्माण कार्यों के दौरान करीब 74 लाख मानव-दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा। लाइन क्षमता में वृद्धि से परिचालन दक्षता, सेवा विश्वसनीयता और गतिशीलता में उल्लेखनीय सुधार होगा। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री के "नए भारत" और "आत्मनिर्भर भारत" के विजन को साकार करेंगी, जिससे क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से देश के 784 गांवों की 19.74 लाख आबादी को बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिलेगी।
महाराष्ट्र में यह राहत मिलेगी
महाराष्ट्र के वर्धा-बल्लारशाह के बीच 79 किमी रूट पर चौथी लाइन बिछेगी। यहां से गुजरने वाली दिल्ली-चेन्नई मालगाड़ी को अभी 45-50 घंटे लगते हैं। नई लाइन से 35 घंटे ही लगेंगे। चेन्नई, बेंगलुरु से आने वाली राजधानी, तमिलनाडु, तेलंगाना एक्सप्रेस जैसी यात्री ट्रेनें भी समय से चलेंगी।
इस तरह मिलेगा लाभ -समयबद्धता में सुधार
- फोरलेन ब्राडगेज होने से ट्रेनों के संचालन की गति और क्षमता बढ़ेगी।
- दिल्ली-मुंबई जैसे व्यस्त मार्ग पर ट्रेनों की समयबद्धता सुधरेगी।
- परिचालन में संतुलन होगा। मालगाड़ी व यात्री ट्रेनों में बेहतर संतुलन बनेगा।
- अधिक लाइनों के चलते यातायात दबाव कम होगा।
- माल ढुलाई तेज होने से व्यापारिक क्षेत्र को सीधा लाभ मिलेगा। रेलवे का राजस्व भी बढ़ेगा।
- नवीन ट्रेन सेवाओं की संभावना बढ़ेगी। भविष्य में सेमी-हाइस्पीड या वंदे भारत ट्रेनों के संचालन की संभावनाएं और मजबूत होंगी।