UP में पुलिस वालों की हुई बल्ले बल्ले, कोर्ट ने दिए योगी सरकार को यह आदेश
 

कांस्टेबलों को सपा शासनकाल में भर्ती किया गया था, लेकिन बसपा शासनकाल में बर्खास्त कर दिया गया था। 2009 में, लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें बहाल करने का आदेश दिया। 2006 से, हाई कोर्ट ने इनकी सेवा में निरंतरता मानी है।
 

UP News : कांस्टेबलों को सपा शासनकाल में भर्ती किया गया था, लेकिन बसपा शासनकाल में बर्खास्त कर दिया गया था। 2009 में, लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें बहाल करने का आदेश दिया। 2006 से, हाई कोर्ट ने इनकी सेवा में निरंतरता मानी है। बुधवार को कोर्ट ने मथुरा, गौतमबुद्धनगर, आगरा, प्रयागराज और वाराणसी जिलों में तैनात हेड कांस्टेबलों और कांस्टेबलों की याचिकाओं को निस्तारित किया।

आपको बता दे की 2005-06 में भर्ती 22 हजार कांस्टेबलों को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। उत्तर प्रदेश सरकार को दो महीने में इन्हें सभी सेवाजनित लाभ देने का आदेश दिया गया। कांस्टेबलों को सपा शासनकाल में भर्ती किया गया था, लेकिन बसपा शासनकाल में बर्खास्त कर दिया गया था। 2009 में, लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें बहाल करने का आदेश दिया। 2006 से, हाई कोर्ट ने इनकी सेवा में निरंतरता मानी है। बुधवार को कोर्ट ने मथुरा, गौतमबुद्धनगर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी और अन्य जिलों में तैनात हेड कांस्टेबलों और कांस्टेबलों की याचिकाओं को निस्तारित किया।

ये भी पढ़ें - UP News : यूपी में अब एक मिनट भी नहीं कटेगी बिजली, सीएम योगी ने अफसरों को दिए सख्त आदेश 

2006 से, हाई कोर्ट ने सेवा निरंतरता को मानते हुए सरकार को कांस्टेबलों को वेतन वृद्धि, पदोन्नति सहित सभी सेवा परिलाभ देने का आदेश दिया है। अलग-अलग याचिकाओं में मांग की गई थी कि 17 फरवरी, 2022 के शासनादेश के अनुपालन में 2005-2006 बैच के आरक्षी सिविल पुलिस, आरक्षी पीएसी, सहायक परिचालक रेडियो विभाग के कांस्टेबलों को 2006 से सेवा में निरंतर मानते हुए पेंशन, उपादान, वार्षिक वेतन वृद्धि, पदोन्नति का लाभ और एसीपी का लाभ मिलेगा।

याची कांस्टेबलों की तरफ से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम ने कहा कि सभी याची कांस्टेबलों को 2005 से 2006 तक सपा सरकार के दौरान भर्ती किया गया था। बसपा की सरकार आने पर इन्हें अवैध रूप से निकाला गया था। 2009 में, सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद इन्हें सेवा में बहाल किया गया था। बताया गया कि सभी याची कांस्टेबल 2006 से पद पर हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने दीपक कुमार केस में फैसला दिया कि 2005-06 के आरक्षियों की नियुक्तियां उनकी नियुक्ति दिनांक से सेवा में निरंतर मानी जाएंगी और सभी कांस्टेबल को सभी सेवा लाभ मिलेंगे। याचिका में कहा गया था कि सभी कांस्टेबल द्वितीय प्रमोशनल पे स्केल, यानी दारोगा के पद का वेतनमान प्रशिक्षण की अवधि को जोड़ते हुए 16 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद इसका लाभ पाने के हकदार हैं, लेकिन अभी तक नियुक्ति दिनांक से भी कोई लाभ नहीं मिल रहा है. 

हाई कोर्ट ने कहा कि दो महीने के अंदर पुलिस महानिदेशक (गृह व कल्याण) डीजीपी हेड क्वार्टर लखनऊ, सुप्रीम कोर्ट के दीपक कुमार केस में पारित आदेश के अनुपालन में 17 फरवरी, 2022 से याची कांस्टेबलों की सेवा को निरंतर मानते हुए उनके पेंशन, उपादान, वार्षिक वृद्धि, पदोन्नति और एसीपी का लाभ देने के संबंध में उचित आदेश पारित करें.

ये भी पढ़ें - लाखों दिलों पर राज करती हैं Honda की यह बाइक, माइलेज व कीमत सुन तुरंत करेगा खरीदने का मूड