UP Good News : रेपिड रेल प्रोजेक्ट से जुड़ेंगे प्रदेश के ये शहर, 12 हजार करोड़ होंगे खर्च

UP Khabar : हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश जेवर में बना रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट को आरटीएस रैपिड रेल ट्रांसिट सिस्टम से जोड़ा जाएगा. केंद्र सरकार द्वारा 1804 करोड रुपए उपलब्ध करवाए जाएंगे जबकि उत्तर प्रदेश सरकार 2581 करोड रुपए देगी.
 

The Chopal ( UP ) उत्तर प्रदेश सरकार जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को आरआरटीएस (रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम) से जोड़ने जा रही है। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर जैसे मेरठ, मोदीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा आदि जेवर एयरपोर्ट से जुड़ जाएंगे। यह कॉरिडोर जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली एवं आईजीआई एयरपोर्ट से भी तीव्र गति से जोड़ेगा। योजना के अनुसार, यात्री इस कॉरिडोर के माध्यम से गाजियाबाद से 50 मिनट में, मेरठ से 85 मिनट में और इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई)से मात्र 80 मिनट में जेवर एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम, उत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, एनएचएआई और प्रदेश सरकार के अधिकारियों के साथ एयरपोर्ट की बेहतर कनेक्टिविटी पर बैठक कर जरूरी निर्देश दिए थे । इस दौरान उन्होंने जेवर एयरपोर्ट को आईजीआई से कनेक्ट किए जाने पर जोर दिया था।

12 हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान

प्रस्तावित परियोजना के लिए केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ही बैंकों से भी आर्थिक मदद ली जाएगी। सिर्फ आरआरटीएस के लिए केंद्र सरकार द्वारा 1804 करोड़ उपलब्ध कराए जाएंगे, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार 2581 करोड़ रुपए देगी। वहीं, मल्टीलेटरल, बायलेटरल बैंकों द्वारा आर्थिक मदद के रूप में 5413 करोड़ रुपये मिलेंगे। इस तरह सिर्फ आरआरटीएस पर करीब 10 हजार करोड़ खर्च किया जाएगा। वहीं आरआरटीएस और मेट्रो दोनों पर 12 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च होगी। इसमें भारत सरकार 2225 करोड़, उत्तर प्रदेश सरकार 3132 करोड़ और बैंकों द्वारा 6675 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद करेंगे।

एनसीआर के कई शहरों तक पहुंच होगी

परियोजना के तहत मौजूदा एवं प्रस्तावित ट्रांजिट नेटवर्क तथा आईजीआई के साथ एकीकरण और उत्तर प्रदेश के मुख्य शहरों एवं सघन विकास क्षेत्रों के साथ कॉरिडोर के एकीकरण का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री की ओर से जेवर एयरपोर्ट से गाजियाबाद के बीच प्रस्तावित एलाइनमेंट को मंजूरी मिल चुकी है। प्रस्तावित एलाइनमेंट की लंबाई 72.2 किलोमीटर होगी, जबकि इसमें 25 स्टेशन होंगे। प्रस्तावित कॉरिडोर नोएडा में डीएमआईसी ब्लू लाइन तथा एक्वा लाइन को भी जोड़ेगा। आरआरटीएस और मेट्रो को समान बुनियादी ढांचे पर संचालित करने के लिए 14 मेट्रो स्टेशन जोड़े जा सकते हैं।

योगी सरकार निशुल्क भूमि उपलब्ध कराएगी

आरआरटीएस पूरी तरह यात्री सुविधाओं से लैस होगी। यह चेयरकार ईएमयू पूरी तरह वातानुकूलित होगी, जबकि तेज रफ्तार के लिए इसकी बॉडी बेहद लाइटवेट और स्टेनलेस स्टील और एल्यूमीनियम से लैस होगी। यह पूरी तरह इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम पर बेस्ड होगी। इसका कम्युनिकेशन सिस्टम एलटीई बेस्ड होगा। भारत सरकार के सहयोग से इस परियोजना को पूरा किया जाएगा, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार सरकारी भूमि निशुल्क उपलब्ध कराएगी।

डीपीआर तीन महीने में बनेगी

गाजियाबाद से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर तक के रेल कॉरिडोर की डीपीआर एनसीआरटीसी बनाएगा। यह डीपीआर तीन महीने में बन जाएगी। इस कॉरिडोर को दो चरणों में बनाया जाना है। नोएडा एयरपोर्ट को रैपिड रेल से जोड़ने के लिए गाजियाबाद से एयरपोर्ट तक कॉरिडोर बनेगा। इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट एनसीआरटीसी ने बनाई थी। गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और परी चौक के माध्यम से एयरपोर्ट तक रैपिड रेलमार्ग को मंजूरी दी जा चुकी है।

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