UP सरकार का शानदार एजुकेशन प्लान, पढ़ाई के घंटों में करेगी कमी, नो बैग पॉलिसी होगी लागू

UP News - हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि नई शिक्षा नीति के मुताबिक उत्तर प्रदेश की योगी सरकार स्कूलों में पढ़ाई के घंटे कम करने की तैयारी में है। राज्य सरकार स्कूल शेड्यूल में बदलाव लागू करेगी। बता दें कि महीने में हर दूसरे शनिवार कक्षाएं संचालित की जाएंगी जबकि दो शनिवार को अवकाश रहेगा....
 
Great education plan of UP government, will reduce the study hours, no bag policy will be implemented

The Chopal News : भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत कई बड़े बदलाव होने हैं. नई शिक्षा नीति के मुताबिक उत्तर प्रदेश की योगी सरकार स्कूलों में पढ़ाई के घंटे कम करने की तैयारी में है. राज्य सरकार स्कूल शेड्यूल में बदलाव लागू करेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूलों में एक सप्ताह में कुल 29 घंटे पढ़ाई होगी और सोमवार से शुक्रवार तक 5 से 5.5 घंटे के बीच कक्षाएं संचालित की जाएंगी. महीने में हर दूसरे शनिवार कक्षाएं संचालित की जाएंगी जबकि दो शनिवार को अवकाश रहेगा.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग को नई नियमावली तैयार करने के निर्देश दिए हैं. इस नियमावली के तहत प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाई के लिए नई समय सीमा निर्धारित की गई है.

सिर्फ प्रमुख विषयों की कक्षाएं 40-50 मिनट तक-

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने शिक्षा विभाग को नई शिक्षा नीति के नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत स्कूलों में पढ़ाई के लिए नए नियम तैयार करने का आदेश दिया है. स्कूलों में कक्षाओं के लिए अधिकतम समय सीमा भी तय की जाएगी. नए नियमों के कार्यान्वयन के आधार पर, कक्षाओं की अवधि 35 मिनट होगी और गणित, हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान आदि विषयों सहित प्रमुख विषय कक्षाओं की अवधि 40 से 50 मिनट होगी.

नो बैग पॉलिसी-

इसके अलावा नई शिक्षा नीति के तहत वर्ष में अलग-अलग तिथियों में कुल 10 दिन तक छात्रों को बिना बस्ते के आने की छूट मिलेगी जिससे उनके कंधों का बोझ हल्का हो सकेगा. यह नई नियमावली छात्रों को अधिक समय खेलने, रिक्रिएशन करने, और अपनी रुचि के अनुसार किसी और काम में रुचि लेने का मौका देगी जो बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बेहद जरूरी माना जाता है.

माना जा रहा है कि इससे बच्चों की सामाजिक और आध्यात्मिक विकास में भी सुधार होगा. इसके साथ कवायद है कि बच्चों की तादाद स्कूलों में बढ़े जिससे राज्य का साक्षरता दर भी बेहतर किया जा सके.

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