UP News : उत्तर प्रदेश के 3 सबसे अमीर जिलें, 75 जिलों में कौनसा आता हैं पहले नंबर
 

UP News - आपको बता दें कि इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के कुल 75 जिले हैं, जो 18 मंडलों में विभाजित हैं। इसके अलावा, यहां पांच विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, 59,163 ग्राम पंचायतों, 437 नगर पंचायतों और 17 नगर निगम हैं। इस जिले के बारे में अधिक जानकारी नीचे खबर में मिलेगी। 

 

UP Update : भारत के उत्तर में सबसे बड़े राज्यों का नाम अक्सर उत्तर प्रदेश दिया जाता है। देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है। इसका कुल क्षेत्रफल 240,928 वर्ग किलोमीटर है। यह राज्य भी सबसे अधिक जिले वाला है और सबसे अधिक जनसंख्या वाला है। 2011 में यहां 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 लोग रहते थे। फिलहाल, यह आंकड़ा लगभग 24 करोड़ पहुंच चुका है। यह राज्य भारत की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। यही कारण है कि इस राज्य की आंतरिक अर्थव्यवस्था भी अधिक महत्वपूर्ण है। क्या आप जानते हैं उत्तर प्रदेश के तीन सबसे अमीर जिले? यदि ऐसा नहीं है, तो इस लेख से हम इसके बारे में पता चलेगा।

ये पढ़ें - Post Office : महिलाओं की यह 5 जबरदस्त स्कीम करवा देगी बल्ले-बल्ले, होगा मोटा मुनाफा 

उत्तर प्रदेश में कुल कितने जिले और मंडल हैं-

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि उत्तर प्रदेश में कुल कितने जिले और मंडल हैं, तो आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। इसके साथ यहां पर 17 नगर निगम , 822 सामुदायिक विकास खंड, पांच विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, 59,163 ग्राम पंचायत और 437 नगर पंचायत हैं। उत्तर प्रदेश का सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर, तो सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र है। इसके साथ ही सबसे पूर्वी जिला बलिया, तो सबसे पश्चिमी जिला शामली है।

उत्तर प्रदेश का सबसे अमीर जिला कौन-सा है -

प्रदेश के सबसे अमीर जिले की बात करें, तो पहले स्थान पर गाजियाबाद का नाम आता है, जहां पर सबसे कम गरीब रहते हैं, यानि कि यहां सिर्फ सात फीसदी गरीब ही रहते हैं। 

उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे अमीर जिला कौन-सा है-

उत्तर प्रदेश के दूसरे सबसे अमीर जिले की बात करें, तो यह लखनऊ है, जहां पर सिर्फ 9 फीसदी गरीब रहते हैं। ऐसे में अमीरी के पायदान पर इसका दूसरा स्थान आता है।

उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे अमीर जिला कौन-सा है-

अब सवाल है कि उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे अमीर जिला कौन-सा है, तो आपको बता दें कि तीसरे स्थान पर कानपुर का नाम आता है, जहां पर गरीबों की संख्या भी सिर्फ 9 फीसदी दर्ज की गई है।  

किसने जारी की है रिपोर्ट-

अब सवाल है कि आखिर किस रिपोर्ट के आधार पर यहां पर अमीरी और गरीबी का आकलन किया गया है, तो आपको बता दें कि भारत की थिंक टैंक कहे जाने वाली नीति आयोग की ओर से  जुलाई में बहुआयामी गरीबी सूचकांक-2023 रिपोर्ट को जारी किया गया था। इसके तहत देशभर के अलग-अलग जिलों में गरीबी का आकलन किया गया था। ऐसे में उत्तर प्रदेश में भी गरीबी का स्तर आंका गया था। इससे पहले साल 2016 में यह आखिरी बार दर्ज किए गए थे। इसके बाद मौजूदा आंकड़े साल 2021 के तहत दर्ज किए गए हैं। 

ये पढ़ें - Rajasthan Politics: कांग्रेस क्यों हारी चुनाव, जादूगर ने बता दी असली वजह 

सर्वे में अपनाए गए थे ये मानक-

नीति आयोग की ओर से किए गए सर्वे में तीन मानको का पालन किया गया था। इसमें जीवन स्तर, स्वास्थ्य और शिक्षा को शामिल किया गया था। ऐसे में जन्म एवं मृत्यु दर, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, स्कूल में बच्चों के जाने की उम्र, पीने का पानी, साफ-सफाई, शौचालय, बिजली, संपत्ति और बैंक अकाउंट तक को शामिल किया गया था।