UP News: 2 राज्यों के बीच बनाया जाएगा 6 लेन का हाईवे, 2026 तक बनकर होगा तैयार

UP News : नया फोर-टू-सिक्स लेन हाईवे मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को जोड़ेगा। परियोजना लगभग 600 किलोमीटर की होगी और तीन चरणों में पूरी होगी। यह परियोजना लगभग 600 किलोमीटर लंबी होगी और इसे तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। 

 

MP News : मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए यह हाईवे एक बड़ा कदम है। भोपाल से लखनऊ तक का यह फोर-टू-सिक्स लेन हाईवे न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि सफर को भी सुविधाजनक और सुरक्षित बनाएगा।

भविष्य में सड़क यात्रा करने वाले लोगों को बहुत राहत मिलेगी। मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाले लोगों को अब कोई समस्या नहीं होगी। ध्यान दें कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को एक नया फोर टू सिक्स लेन हाईवे से जोड़ने के लिए काम चल रहा है। फोर टू सिक्स लेन हाईवे का निर्माण भोपाल से सागर की दूरी को 25 किलोमीटर कम करेगा। आने वाले दो वर्षों में इस सड़क को बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जो भोपाल-लखनऊ इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा है।

काम अंतिम चरण में है

हाल ही में, उत्तर प्रदेश के कानपुर से करबई तक 112 किमी का राष्ट्रीय राजमार्ग लगभग पूरा हो गया है और काम अंतिम चरण में है। तीसरे चरण में, करबई से सागर की दूरी 223 किलोमीटर होगी। यह भी तेजी से बनने वाला फोर-टू-सिक्सलेन हाइवे होगा। तीसरे चरण में सागर से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल तक एक 150 किमी का फोरलेन बनाया जाएगा।

लगभग 11 हजार 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे

इस सड़क निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भोपाल से सागर की दूरी सिर्फ 163 किमी रह जाएगी। भोपाल से सागर की दूरी बीस किमी कम हो जाएगी। बता दें कि इस 600 किमी लंबे रोड को बनाने में लगभग 11 हजार 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। भोपाल-लखनऊ इकोनॉमिक कॉरिडोर भोपाल-रायसेन-सागर नेशनल हाइवे 146 को फोरलेन करेगा। साथ ही एमपी में सड़क छतरपुर के सतई घाट से उत्तर प्रदेश के कैमाहा तक बनाई जाएगी, जहां से कानपुर करीब 165 किमी दूर है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जनवरी 2023 में इस इकॉनामिक कॉरिडोर का उद्घाटन किया था।

2026 तक पूरा होगा यह कॉरिडोर

आज भोपाल से कानपुर की दूरी करीब 550 किमी है। एनएचआई (NHAI) अधिकारियों ने बताया कि नए कॉरिडोर में यह दूरी लगभग 526 किमी होगी। 2026 तक कॉरिडोर को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।