UP News : उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ता रहे सावधान, घर का कोना-कोना चेक करेगी टीम
UP News : यूपी के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ा अपडेट। दरअसल यूपी में बिजली विभाग की टीमें अब घर-घर दस्तक देने वाली हैं। बता दें कि यह टीम लोगों के घरों में इस्तेमाल होने वाले बिजली उपकरण खासकर एसी की जांच करेंगी।
UP News : अब बिजली विभाग की टीमें घर-घर सेवा देंगे। अब विभाग उपभोक्ताओं के घरों में लगे बिजली उपकरणों, खासकर AC, का विवरण जुटाएगा ताकि बिजली ग्राहकों से अधिक से अधिक आय प्राप्त की जा सके। कंपनियां इसके आधार पर जांच करेंगे और फिर विद्युत भार बढ़ाते हैं। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने इस आशय का प्रस्ताव किया है। इसमें पावर कारपोरेशन के आईटी निदेशक को बिलिंग मास्टर में ऐसे संबंधित क्षेत्रों को चिह्नित करने (प्लैग) की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है।
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ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ता जा रहा लाइनलास
सोमवार को, मध्य प्रदेश के निदेशक वाणिज्य योगेश कुमार ने इस संबंध में एक पत्र निदेशक आईटी को भेजा। जिसमें कहा गया है कि ग्रामीण इलाकों में बिना मीटर के बिना या मीटर बाईपास करके AC चलाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। इसके परिणामस्वरूप, ग्रामीण क्षेत्रों में लाइनलास लगातार बढ़ता जा रहा है। बिलिंग मास्टर में ऐसे लगे क्षेत्रों का कोई फ्लैग नहीं होने से अधिकारियों को इन क्षेत्रों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती है। फ्लैग लगा होने पर स्वीकृत भार और खपत को बिलिंग मास्टर में देखा जा सकता है। खपत अधिक होने पर लोड बढ़ाया जा सकता है, जिससे फिक्स चार्ज से अधिक पैसा मिलेगा।
उपभोक्ता परिषद ने कहा कि इंस्पेक्टर राज विरोध प्रकट करेगा—
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं को परेशान करने के लिए इंस्पेक्टर राज की तरफ जाने की कोशिश कर रही हैं, जिसका विरोध हर स्तर पर होगा। एक ग्राहक के घर में चार एसी लग सकते हैं। उपयोगकर्ता सभी AC का उपयोग करना जरूरी नहीं है। संभवतः एक भी एसी नहीं चल रहा है। जब उन्नत तकनीकी के मीटर उपभोक्ता क्षेत्र में लगाए जाते हैं, AC चलेगा तो उसका भार अपने आप मीटर में रिकार्ड किया जाएगा। यही कारण है कि अन्य बिजली कम्पनी भी इस दिशा में आगे बढ़ेंगी।
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इसमें बिजली कंपनियां गरीब बिजली उपभोक्ताओं को निशाने पर ले रही हैं, ऐसा आरोप लगाया गया है। उसे ऊपर रखें, ताकि उपभोक्ता के घर में ऐसा लगे। बिजली कंपनियां यह भूल रही हैं कि पहले टैरिफ में AC को अलग से चार्ज किया जाता था, लेकिन इस व्यवस्था को उपभोक्ताओं के बढ़ते शोषण के कारण हटाया गया था। बिल मीटर में रिकॉर्ड किए गए भार या यूनिट पर आधारित है।