UP: घूमने फिरने वालों को योगी सरकार हर महीने देगी 40 हजार रुपए, ऐसे लपक लें मौका

UP Cabinet :लाखों की संख्या में बेरोजगार युवक दर-दर की ठोकरें खा रहें है। उनके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले से कॉफी बेरोजगार युवकों को नौकरी का अवसर मिलेगा। तथा पर्यटन को भी काफी हद तक बढ़ावा मिलने वाला है।

 

Mukhyamantri Tourism Fellowship Yojna : उत्तर प्रदेश सरकार शोधार्थियों के क्षेत्र में भ्रमण करने वालों को बड़ी सौगात देने का प्लान बनाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में शोधार्थियों को क्षेत्र में भ्रमण करने के लिए प्रति महीने इतने रुपए देने का फैसला लिया है। सीएम टूरिज्म फेलोशिप कार्यक्रम के लिए इस दिन तक आप आवेदन कर सकते हैं।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप कार्यक्रम के लिए इलाके में भ्रमण करने वाले शोधार्थियों को 40000 रूपए प्रति महीने देने का ऐलान किया है। इस योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित की गई है। इसका लाभ 40 वर्ष तक की उम्र वाले अभ्यर्थी ले सकते हैं। योगी सरकार ने शोधार्थियों की मेहनत को देखते हुए यह एक अच्छा कदम उठाया है। इस परियोजना के अंतर्गत पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

शैक्षणिक योग्यता क्या होनी चाहिए 

परियोजना के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी की मान्यता प्राप्त  संस्थाओं तथा विश्वविद्यालय से न्यूनतम 60% अंकों के साथ  स्नातक तथा उच्च  शैक्षणिक योग्यता पास होनी चाहिए। बीबीए, एमए, एमफिल, पीएचडी, टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा- ट्रैवल एंड टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन व पुरातत्व में डिग्री या डिप्लोमा धारक को वरीयता दी जाएगी।

यहां करें आवेदन

पर्यटन में सांस्कृतिक मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि परियोजना के लिए आवेदन करने वाले इच्छुक अभ्यर्थी uptourism.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा 60% अंकों के साथ स्नातक तथा उच्च शैक्षणिक पास होनी अनिवार्य है।

चुनाव किए जाने वाले शोधार्थी की सेवा 1 साल तक रहेगी। आगे इस 1 साल के लिए और भी बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि फैलोशिप का मुख्य उद्देश्य शोधार्थियों को पर्यटन विभाग द्वारा कार्यान्वित  योजनाओं के पर्यवेक्षण, अनुश्रवण व पारिस्थितिकी से जुड़े स्थलों का सर्वांगीकरण विकास करना है।