UP में 100 करोड़ खर्च कर बनेगा राज्य का पहला ISBT बस स्टैंड, जनता होंगी निहाल
UP News : उत्तर प्रदेश के पुराने बस स्टैंड में जगह कम पड़ने की वजह से बसों के संचालन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या से निजात पाने के लिए योगी सरकार ने इंटर स्टेट बस स्टैंड बनाने का फैसला लिया है। राज्य सरकार ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है।

Yogi Govt : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने वाराणसी में पुराने बस स्टैंड की जगह नया ISBT बस स्टैंड बनाने की योजना पर कवायद शुरू कर दी है। इस बस टर्मिनल का निर्माण हो जाने पर बसों के संचालन में किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसे प्रदेश के लोगों को आसानी से हर जगह की बस मिल पाएगी।
प्रशासन ने राजस्व विभाग को बस स्टैंड के लिए रिंग रोड के पास 25 एकड़ जमीन चिन्हित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस परियोजना के लिए सरकार द्वारा लगभग सौ करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है। इस परियोजना के लिए NHAI और VEDA सहित कई विभागों से परिवहन निगम ने सुझाव मांगे हैं।
रोजाना चले गई 600 से अधिक बस
वाराणसी के कैंट बस स्टेशन से हर दिन 600 बसों की आवाजाही होती हैं। परिवहन निगम द्वारा कई वर्षों से शहर के बाहर बस डिपो बनाने की मांग की जा रही है। इंग्लिशिया लाइन से रोडवेज बस स्टैंड तक रोजाना जाम की समस्या बनी रहती है, अंधरापुल चौराहे तक इसका असर रहता है। जाम की वजह से बसों को बस स्टैन्ड के बाहर ही खड़ा करना पड़ता है।
पीपीपी मॉडल के आधार पर किया जाएगा निर्माण
परिवहन निगम द्वारा कैंट बस स्टेशन को भी पीपीपी माडल के आधार पर चलाया जाएगा। यहां से प्रयागराज, लखनऊ, जौनपुर, सोनभद्र, गाजीपुर, गोरखपुर, नेपाल, चंदौली, काशी और ग्रामीण डिपो तक बसों का संचालन किया जाता है।
बनाए जायेगे नए मार्ग
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि आइएसबीटी कई राज्यों में बसें उपलब्ध करवाएगा। कैंट स्टेशन की मरम्मत की फाइल जल्द ही कैबिनेट में पेश की जाएगी। साथ ही राज्य में सात हजार बसें आने वाली हैं। हर गांव को जोड़ने के लिए 1600 नए मार्ग तय किए गए हैं। सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के हर गांव को बस सेवा देने का लक्ष्य है।