Varanasi-Kolkata Expressway: 18 जिलों के हजारों गांवों से निकलेगा एक्सप्रेसवे, किसानों की होगी मौज

Varanasi-Kolkata Expressway : देश को नए एक्सप्रेस वे की सौगात मिलने जा रही है, जिसके बाद इसका फायदा 4 राज्यों की जनता को भी मिलने वाला है। उत्तर प्रदेश से कोलकाता के बीच बनने वाले इस 610 किलोमीटर एक्सप्रेसवे के पहले चरण का काम शुरू हो गया है। ये एक्सप्रेसवे यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच बनेगी। इसके बन जाने के बाद एक्सप्रेसवे 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां रफ्तार भरेंगी।

 
Varanasi-Kolkata Expressway: 18 जिलों के हजारों गांवों से निकलेगा एक्सप्रेसवे, किसानों की होगी मौज

Varanasi-Kolkata Expressway Route Map : वाराणसी से कोलकाता के बीच बन रहे एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है। 13 चरणों में बनने वाले इस एक्सप्रेस वे के पहले चरण का काम चल रहा है। पहला चरण वाराणसी से शुरू होकर कैमूर के चैनपुर तक 27 किमी लंबी है। जिसके भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है और काम तेजी से चल रहा है। इस एक्सप्रेस वे के कई लाभ होने वाले हैं। जहां एक तरफ व्यापारिक लाभ होगा वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस एक्सप्रेस वे का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत किया जा रहा है।

साल 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एक्सप्रेस की आधारशिला रखी थी। जिसकी कुल लंबाई 610 से 690 किमी होने की उम्मीद है। अभी तक इस यात्रा में जहां 12 से 14 घंटे का समय लगता है लेकिन इस एक्सप्रेस वे के बन जाने के बाद ये दूरी घटकर आधी होने वाली है। यानी 6 से 7 घंटे में ही बनारस से कोलकाता पहुंचा जा सकता है। ये एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगी।

18 जिलों से होकर गुजरेगी एक्सप्रेसवे

यूपी के वाराणसी से शुरू होकर ये एक्सप्रेस वे चंदौली के बाद बिहार में प्रवेश करती है। जहां भभुआ, सासाराम, औरंगाबाद, गया होते हुए झारखंड में एंट्री हो सकती है। जहां चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, रांची, बोकारो जिलो से होकर जाएगी। वहीं पश्चिम बंगाल में  पुरुलिया , बांकुरा , बिष्णुपुर, पंसकुरा, हल्दिया, डायमंड हार्बर और कोलकाता तक पहुंची। यानी इस दौरान ये एक्सप्रेस वे 18 जिलों से होकर जाएगी।

35 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे इस एक्सप्रेस वे का निर्माण ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा। इस एक्सप्रेस वे का सबसे बड़ा हिस्सा 323 किमी पश्चिम बंगाल में बनना है। जबकि सबसे छोटा हिस्सा यूपी में 22 किमी का है। जबकि बिहार में 169 किमी और झारखंड में 196 किमी का निर्माण होना है। इस पूरे प्रोजेक्ट को 13 चरणों में पूर्ण किया जाएगा।

कृषि और रोजगार को मिलेगा विस्तार

इस एक्सप्रेस वे के निर्माण हो जाने से यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 18 जिलों का जहां विकास होगा। वहीं लोगों की रफ्तार भी तेज होगी। 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लोग कार ड्राइव कर सकेंगे। जबकि इसके बन जाने से कृषि, औद्योगिक विकास, अर्थव्यवस्था और विकास में विस्तार होगा। हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और लाखों लोगों को सीधे कनेक्टिविटी मिलेगी।