Wheat : ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुए शुरू, किसानों से सीधे गेहूं खरीदेगी केंद्र सरकार, इतना होगा रेट

bonus on wheat : किसानों से जो गेहूं की खरीद की जाएगी, उसके पैसे सीधे संबंधित किसानों के खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे. इस तरह से उन्हें पूरे पैसे मिलेंगे. इसके अलावा अधिक बोनस मिलने से किसान प्रोत्साहित होंगे और उन्हें अपनी फसल को बेचने के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा
 

The Chopal, bonus on wheat : किसानों से जो गेहूं की खरीद की जाएगी, उसके पैसे सीधे संबंधित किसानों के खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे. इस तरह से उन्हें पूरे पैसे मिलेंगे. इसके अलावा अधिक बोनस मिलने से किसान प्रोत्साहित होंगे और उन्हें अपनी फसल को बेचने के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा. इसके साथ ही किसानों फसल खरीद में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो इसके लिए खरीद खरीद प्रक्रिया में पूरी तरह पारदर्शिता बरती जाएगी. 

समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए पंजीयन प्रक्रिया आज से शुरू कर दी गई है। किसान अपने लिए गेहूं का पंजीयन आज से कर सकते हैं। रबी विपणन वर्ष 2024-25 के लिए मप्र सरकार ने गेहूं की पंजीयन प्रक्रिया सोमवार से शुरू कर दी है। सभी किसान अपनी गेहूं की फसल को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन केंद्र या फिर कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर अपना पंजीयन कर सकते हैं।

पंजीयन प्रक्रिया 1 मार्च तक चलेगी। इसके बाद सरकार 15 मार्च से राज्य में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी शुरू कर देगी। सरकार से बोनस मिला तो 27 सौ रूपए क्विंटल मिल सकता है। गौरतलब है कि रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 2275 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से करेगी।

इसके बाद सरकार किसानों को बोनस प्रदान करती है। तो किसानों का गेहूं 27 सौ रूपए प्रति क्विंटल तक जा सकता है। इसके लिए सरकार को राज्य के किसानों को 425 रूपए प्रति क्विंटल बोनस राशि देनी होगी।

जिले में तीन स्थानों पर एफसीआई ने खोला क्रय केन्द्र

एफसीआई के द्वारा जिले के डुमरा, रुन्नीसैदपुर और सोनबरसा में एक-एक केंद्र खोले खोले गए हैं। रुन्नीसैदपुर में बुधवार को इस क्रय केन्द्र का शुभारंभ कर भी कर दिया गया। इसके अलावा जिले के सभी पैक्स और व्यापार मंडल के माध्यम से पहले की तरह राज्य सरकार गेंहू की खरीद करेगी।

इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का काम भी शुरू हो गया है। विभागीय अधिकारी के अनुसार अभी तक रुन्नीसैदपुर के बीस किसानों ने ई-पोर्टल पर गेहूं बेचने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि जिले के 156 किसानों ने अब तक अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य में इस बार 150 रुपये की बढ़ाेतरी

पिछले वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य केन्द्र सरकार ने 2125 रुपये निर्धारित किया था। जबकि इस वर्ष के लिए प्रति क्विंटल 2275 रुपए का भुगतान होगा। पिछले वर्ष पैक्स और व्यापार मंडलों के माध्यम से जिले में एक महज 14 किसानों से खरीद की गई। वह भी महज 27.999 मीट्रिक टन।

इसका कारण पैक्स एवं व्यापार मंडलाें से किसानों का मोहभंग होना बताया जा रहा है। समय से राशि का भुगतान नही होना, राशि में कटौती कर लिया जाना, भंडारण के कारण खरीदगी में देरी आदि ऐसे कारण रहे हैं, जिससे किसानों को परेशानी होती है।

इस वजह से सरकारी एजेंसियों की बजाय खुले बाजार में किसान गेहूं बेचने को मजबूर होते रहे हैं। किसानों की इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार ने एफसीआई के माध्यम से सीधे गेहूं खरीद करने का निर्णय लिया है। मौसम अनुकूल होने के कारण इस वर्ष गेंहू की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है।

प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी सुरेन्द्र महतो कहते हैं कि गेहूं का बाजार भाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य में समानता के कारण हीं पिछले वर्ष गेंहू की अधिप्राप्ति जिले में न के बराबर रही।

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