जमीन व प्रॉपर्टी खरीदते समय ध्यान में रखें यह पर जरूरी डॉक्यूमेंट, कहीं बाद में लगाने पड़े कोर्ट कचहरी के चक्कर
 

How can I obtain property documents:आज हम आपको बताएंगे कि किसी व्यक्ति को फ्लैट, फ्लोर, घर या जमीन खरीदते समय क्या ध्यान रखना चाहिए। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।


 

 

The Chopal - जब आप कोई संपत्ति खरीदने जा रहे हैं तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप उसकी पूरी तरह से जांच पड़ताल करें। प्रॉपर्टी के मालिकाना हक और पेपर्स की भी जांच करनी चाहिए। आज हम आपको बताएंगे कि किसी व्यक्ति को फ्लैट, फ्लोर, घर या जमीन खरीदते समय क्या ध्यान रखना चाहिए। कोई भी डील करने से पहले बहुत कुछ जानना महत्वपूर्ण है। वरना आपको धोखा मिल सकता है। नई संपत्ति खरीदते समय आपको कई दस्तावेजों को देखना चाहिए, जैसे स्थान, विक्रेता की जानकारी, संपत्ति पर विवाद आदि। आप इस काम में कानूनी सलाह ले सकते हैं।

ये भी पढ़ें - UP News: यूपी कि किसानों की हुई मौज, अब कृषि विभाग की तरफ से मिलेगा पैसा

जहां तक डॉक्यूमेंट की जांच की बात है तो उन पर आपको खास तौर पर ध्यान देना है. कौन कौन से दस्तावेज चेक करना जरूरी है. आप जिस भी प्रोजेक्ट में फ्लैट या मकान खरीद रहे हैं, वह रेरा (RERA) में रजिस्टर होना चाहिए. यह रियल एस्टेट (Real Estate) का एक कानून है, जो भारतीय संसद से पारित है. इसका मकसद रियल एस्टेट सेक्टर में आम जनता के हितों की रक्षा करना और उन्हें धोखाधड़ी से बचाना है.

प्रॉपर्टी खरीदने से पहले विक्रेता के टाइटल और ओनरशिप का वेरिफिकेशन करना बेहद जरूरी है.

चेनल डाक्यूमेंट: चेनल डाक्यूमेंट को भी चेक करना बेहर जरूरी है. चैनल डाक्यूमेंट का मतलब होता है X ने Y को बेची, Y ने Z को बेची. इस दौरान जो भी डील बनती है उसमें सबका विचारनाम बनता है. यानी किसको कहां से मिली इन सबका हवाला होना चाहिए.

एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट: यह सर्टिफिकेट आपको बताता है कि जिस प्रॉपर्टी को खरीद रहे हैं उस पर कोई मोर्टगेज, बैंक लोन या कोई टैक्स तो बकाया नहीं है. इसके अलावा कोई पेनाल्टी तो नहीं है इसकी जानकारी मिलती है. इसके अलावा रजिस्ट्रार के ऑफिस जाकर आप फॉर्म नंबर 22 भरकर जानकारी जुटा सकते हैं.

 ऑक्यूपॅन्सि सर्टिफिकेट: अऑक्यूपॅन्सि सर्टिफिकेट एक अहम दस्तावेज है, जिसे बिल्डर से जरूर लेना चाहिए. अगर वह इसे नहीं देता तो खरीददारों को यह अधिकार है कि वह डिवेलपर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करें.

पजेशन लेटर: डिवेलपर खरीददार के हक में पजेशन लेटर जारी करता है, जिसमें प्रॉपर्टी पर कब्जे की तारीख लिखी होती है. होम लोन पाने के लिए इस दस्तावेज की असली कॉपी को पेश करना जरूरी होता है. जब तक ओसी हासिल नहीं किया जाएगा, तब तक पोजेशन लेटर अकेले प्रॉपर्टी पर कब्जे के लिए काफी नहीं माना जा सकता.

मॉर्गेज : मॉर्गेज (Mortgage) या गिरवी रखना एक प्रकार का ऋण है जिसका उपयोग उधारकर्ता किसी मकान की खरीद या रखरखाव करने के लिए या रियल एस्टेट के अन्य रूपों में करता है. साथ ही समय के साथ इसका भुगतान करने पर सहमति जताता है. प्रॉपर्टी, लोन सिक्योर करने में कोलैटरल के रूप में काम करती है.

टैक्स पेमेंट का स्टेटस चेक करें: प्रॉपर्टी टैक्स नहीं चुकाने से संपत्ति पर शुल्क लगता है, जिससे उसकी मार्केट वैल्यू पर असर पड़ता है. इसलिए खरीददार को स्थानीय म्युनिसिपल अथॉरिटी में जाकर यह देख लेना चाहिए कि विक्रेता ने प्रॉपर्टी टैक्स में कोई डिफॉल्ट तो नहीं किया है.

ये भी पढ़ें - UP के सभी जिलों में मीटर रीडिंग का काम करेंगे ये लोग, पावर कारपोरेशन द्वारा कंपनियों को निर्देश जारी