उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने जारी की शीरा नीति, एथनॉल और एल्कोहल उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
 

UP News : उत्तर प्रदेश में शीरा नीति बनाई गई है। 19 प्रतिशत बी-हैवी शीरे को शुगर मिलों में रखना होगा। सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए शीरा नीति का ऐलान किया है। प्रत्येक मिल में बी हैवी शीरे भण्डारण होना जरूरी चाहिए।

 

Uttar Pradesh News : प्रदेश सरकार ने वर्ष 2024–25 के लिए शीरा नीति बनाई है, जो एथनॉल और एल्कोहल उत्पादन को बढ़ावा देगी। प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन वीना कुमारी ने आबकारी आयुक्त को एक नवंबर से 31 अक्तूबर तक चलने वाली वार्षिक शीरा नीति का आदेश भेजा है। शीरा नीति के अनुसार राज्य की प्रत्येक शुगर मिलों को बी-हैवी (बी-हैवी + सी-हैवी को जोड़कर) उत्पादन का 19 प्रतिशत स्टोर करना होगा।

यदि कोई चीनी मिल बी-हैवी और सी-हैवी शीरे का उत्पादन करती है, तो बी-हैवी और सी-हैवी शीरे का 19 प्रतिशत टर्म देशी मदिरा उत्पादन के लिए जाता है। रिकवरी के आधार पर, बी-हैवी शीरे से प्रति कुंतल 31 एलएल अल्कोहल और सी-हैवी शीरे से प्रति कुंतल 22.5 एलएल अल्कोहल होगा।

बी-हैवी और सी-हैवी शीरा क्या करते हैं?

बी-हैवी शीरा, चीनी मिलों से उत्पादित एक बाय-प्रोडक्ट है जो चीनी मिश्रण से बना है। एथनॉल बनाने में बी-हैवी शीरे का उपयोग किया जाता है। पेट्रोल में एथनॉल मिलाया जाता है। बी-हैवी शीरा बनाने से गन्ने का उपयोग होता है और चीनी का उत्पादन कम होता है। वहीं बी-हैवी शीरे में चीनी की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसका सबसे अधिक उपयोग एल्कोहल बनाने में होता है।

पेट्रोल में 10% एथनॉल मिलाया जाता है

E-10 ऑटोमोबाइल फ्यूल, 90% पेट्रोल और 10% एथनॉल से बना है, वाहनों का ईंधन है। केंद्र सरकार ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के प्रयास में पेट्रोल में 20% एथनॉल मिश्रण के लक्ष्य को पांच साल कम करते हुए 2030 से 2025 कर दिया है।
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