UP में छोटे उद्योगों को योगी सरकार ने दी सौगात, कृषि भूमि‍ के परिवर्तन की ये फीस माफ

UP Updates : योगी सरकार ने कृषि भूमि परिवर्तन शुल्क में भारी छूट दी है, जिसमें सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम शामिल हैं। अब कृषि भूमि को औद्योगिक भूमि में बदलने पर शुल्क नहीं लगेगा. यह विकास प्राधिकरण के दायरे में होगा।
 

The Chopal (UP News) : योगी सरकार ने कृषि भूमि परिवर्तन शुल्क में छूट देकर बहुत राहत दी है। अब विकास प्राधिकरण के दायरे में कृषि भूमि को औद्योगिक भूमि में बदलने पर शुल्क नहीं लगेगा। मुख्यमंत्री अमित मोहन प्रसाद ने राज्य के सभी डीएम को पत्र भेजा है। विकास प्राधिकरण के दायरे में कृषि भूमि में परिवर्तन करने पर जमीन के कुल मूल्य का 30 प्रतिशत शुल्क लगाया जाता था। उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति 2017 के तहत विकास प्राधिकरणों के तहत स्थापित एमएसएमई इकाइयों को भू परिवर्तन शुल्क में छूट दी जाती थी, लेकिन प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति 2022 में नहीं बनाई गई, इसलिए उद्यमियों को इसका लाभ नहीं मिल पाया।

इसकी वजह से उद्योग स्थापना की लागत बढ़ रही थी, जिससे उद्यमी अपनी इकाईयां बनाने से बच रहे थे। यह देखते हुए, शासन ने यूपी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति 2022 में संशोधन करते हुए 18 जनवरी 2024 को भूमि परिवर्तन शुल्क में छूट दी। अब विकास प्राधिकरण के दायरे में लघु और मध्यम उद्यमों को भूमि परिवर्तन शुल्क नहीं देना होगा।

सरकार के फैसले से एमएसएमई इकाईयों को मिलेगी राहत 

अभी तक, उद्यमी को संबंधित विकास प्राधिकरण को जमीन की कुल लागत का 30 प्रतिशत देना पड़ता था। लेकिन आदेश के बाद से भूमि परिवर्तन शुल्क अब नहीं है। 18 जनवरी 2024 को, अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने प्रदेश के सभी डीएम, मंडलायुक्त, जिला उद्योग केंद्र, संयुक्त आयुक्त उद्योग और उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण को पत्र भेजा है।

शासन से मिलती है स्वीकृति

सरकारी निर्णय से एमएसएमई संस्थाओं को राहत मिलेगी—प्रदेश सरकार के फैसले से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों को बहुत राहत मिलेगी। अब विकास प्राधिकरण को भूमि परिवर्तन पर 30 प्रतिशत शुल्क देना नहीं होगा। ज्यादातर आवेदन 2022 में औद्योगिक नीति में संशोधन नहीं होने के कारण अधर में पड़े रहे हैं। कासगंज, एटा, हाथरस और अलीगढ़ में भूमि परिवर्तन शुल्क को लेकर लगभग आधा दर्जन से अधिक आवेदन लंबित थे।

शासन से स्वीकृति मिलती है

विकास प्राधिकरणों की बोर्ड बैठक में कृषि भूमि को औद्योगिक भूमि में बदलने की प्रक्रिया निर्धारित की जाती है। बोर्ड बैठक में इसे पास करने के बाद शासन को भेजा जाता है। शासन के आदेश पर आपत्ति मांगी जाती है। आपित्त के निस्तारण के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जाती है, जिसके बाद शासन से स्वीकृति मिलती है। 40 दिन की प्रक्रिया में जमीन बदल गई है।

एमएसएमई के साथ इनको भी मिलेगी छूट 

इसमें प्लेज पार्कों, निजी एमएसएमई पार्कों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम शामिल हैं। विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में भूमि परिवर्तन शुल्क भी उसे नहीं देना होगा।

बोले अधिकारी

2022 में प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति में संशोधन किया गया, जिसमें भूमि परिवर्तन शुल्क में छूट दी गई है। शासनादेश प्राप्त हुआ है। एसोसिएशन और मंडल के सभी उद्यमियों को इससे अवगत कराया गया है। जिस व्यक्ति को प्राधिकरण के दायरे में एमएसएमई यूनिट स्थापित करना है, वह भूमि बदलने का आवेदन कर सकता है। अब 30 प्रतिशत शुल्क नहीं देना होगा। वीरेंद्र कुमार, अलीगढ़ के संयुक्त आयुक्त उद्योग

बोले उद्यमी

शासन के आदेश से उद्यमियों को बहुत राहत मिलेगी, आईआईए के सेक्रेटरी आलोक झा ने कहा। सरकार का निर्णय सराहनीय है। शुल्क के कारण प्राधिकरण के दायरे में लोगों ने एक सालों से व्यवसाय नहीं बनाया था।

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