आम आदमी को बड़ी राहत! देश में सस्ता होगा खाने का तेल, इस वजह से 12 रुपये तक कम होंगे रेट   

 

The Chopal, नई दिल्ली, व्यापार डेस्क:  यह अच्छी खबर है कि आने वाले दिनों में खाने के तेल के दाम घट सकते हैं। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) ने वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट की बात करते हुए खाद्य तेल कंपनियों को आदेश दिया है कि वे खुदरा मूल्य (MRP) को तुरंत ₹8-12 प्रति लीटर तक कम करें। यह उपाय खाद्य तेल की कीमतों को कम करने में मदद करेगा और उपभोगताओं को लाभ पहुंचाएगा।

यह एक सरकारी पहल है जो तेल की कीमतों को कंट्रोल करने का प्रयास कर रही है। इसका प्रभाव खाद्य तेल के मूल्यों पर सकारात्मक असर डाल सकता है और उपभोगताओं को अधिक उचित मूल्य पर उपलब्धता प्रदान कर सकता है।

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खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) सहित प्रमुख उद्योग निकायों के साथ एक बैठक आयोजित की है जिसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को तुरंत लाभ पहुंचाना है। यह दूसरी बैठक है जो विभाग द्वारा एक महीने के अंतराल में आयोजित की गई है। इस बैठक के माध्यम से, सरकार उद्योग प्रतिनिधियों से मिलकर उचित मूल्य पर खाद्य तेल की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए सहयोग और समझौता कर सकती है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को सस्ते और उचित मूल्य पर तेल की उपलब्धता प्रदान करना है।

उद्योग प्रतिनिधियों के अनुसार, पिछले दो महीनों के दौरान विभिन्न खाद्य तेलों के वैश्विक मूल्यों में 150 से 200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन की गिरावट आई है। इसके साथ ही, उन्होंने खाद्य तेलों के खुदरा मूल्यों में काफी कमी की है और वे जल्दी ही इन खुदरा मूल्यों को और भी कम करने की योजना बना रखी हैं। यहां तक कि खुदरा बाजार में भी इसका प्रभाव पड़ने में समय अंतराल का महत्वपूर्ण कारक है, लेकिन आशा है कि खुदरा मूल्यों में जल्दी ही कमी आ सकेगी।

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तेल की कीमतों में हुई यह कमी दो मुख्य कारणों के कारण हुई है। पहला कारण है अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में कमी। वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें कम हो रही हैं जिसका कारण विभिन्न घटकों पर नक्कामी और सामरिक और आर्थिक परिस्थितियों में परिवर्तन हो सकता है। दूसरा कारण है खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम किये जाने का। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने आयात शुल्क कम करके खाद्य तेलों की आयात पर नकारात्मक प्रभाव डालने का फैसला किया है।

उद्योग प्रतिनिधियों ने यह सुनिश्चित करने की सलाह दी थी कि खाद्य तेलों के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में हुई कमी का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए। इसका मतलब है कि तेल की कीमतों में हुई कमी के कारण खाद्य तेल कंपनियों को अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) को तुरंत कम करके उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाना चाहिए। इसका प्रभावी निष्पादन करने के लिए विभाग ने उद्योग प्रतिनिधियों के साथ सहयोग किया

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