हरियाणा पर्यटन का नया केंद्र बन रहा रहा है यह क्षेत्र, इस तरह पहुंचे 

 
हरि (श्रीकृष्ण) की कर्मभूमि हरियाणा के अनेक क्षेत्रों में यह एक ऐसा स्थल हैं जहां आप सैर करने के साथ आप अपनी मन शांत कर सकते हैं. इन प्राचीनतम स्थलों में से एक है हिसार का राखीगढ़ी महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल.

The Chopal: हरियाणा पर्यटन का नया केंद्र बन रहा रहा है यह क्षेत्र, जानिए कैसे पहुँच सकते है. इन प्राचीनतम स्थलों में से एक है हिसार जिला में राखीगढ़ी का आदर्श व महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल. यहां आपको आठ हजार साल पुरानी सभ्यता से साक्षात होने का मौका मिलने वाला है.

इस पुरातात्विक स्थल पर आपको मोहनजोदड़ो (250 हेक्टेयर) से भी विस्तृत 550 हेक्टेयर भूखंड में तत्कालीन नागरिक सभ्यता को जानने का अवसर मिलने वाला है. इस सबसे पुरानी हड़प्पाकालीन साइट पर छोटे-छोटे चार कमरे और छह फुट ऊंची दीवारों की उत्खनित आकृति दिखेगी.

राखीगढ़ी में अन्वेषण करने आए डा. सूरजभान ने इसे हड़प्पन सभ्यता की प्रोविंशियल कैपिटल के रूप में मान्यता दी है. हरियाणा राज्य पुरातत्व विभाग की उपनिदेशक डा. बनानी भट्टाचार्य ने बताया कि सात प्रमुख टीलों की खुदाई के दौरान अनेक ऐसे साक्ष्य मिले हैं जो हड़प्पा कालीन सभ्यता के दिनों में मजबूत सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था को साबित करते हैं.

वह चाहे ड्रेनेज सिस्टम समेत सलीके से बनाई नगरीय व्यवस्था और उत्पाद तैयार कर सुदूर क्षेत्रों तक व्यापार करने का तरीका हो, इस साइट पर अविश्वसनीय जानकारी मिलने वाली है. तो चलिए, खोदाई उपरांत मिले हड़प्पा सभ्यता के कुछ अनुपम और अद्भुत, परंतु प्रामाणिक साक्ष्यों का दर्शन करते हैं.

टीला संख्या चार की खुदाई के दौरान मिले साक्ष्य कहते हैं कि हड़प्पा कालीन शहरों को दो भागों में विभाजित हुए थे. यहां अस्तित्व हेरिटेज के डायरेक्टर बलराम कहते हैं कि अपर टाउन (इसे सिटाडेल भी कहते हैं) में उच्च-वर्ग के लोग रहते थे जबकि लोअर टाउन में निम्न-वर्ग के लोग रहते थे.

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टीला संख्या-दो की अब तक हुई खुदाई से पता चलता है कि यहां व्यापक स्तर पर उत्पादन का कार्य चलता था. यहां से कई प्रकार के पत्थरों के मनके के अवशेष मिलते हैं. टेराकोटा की चूड़ियों के भी अवशेष हैं. कई बड़े वर्किंग प्लेटफार्म और जल निकासी के लिए नालियां मिलने के साथ-साथ भट्टियों के अवशेष भी मिले हैं. कॉपर स्लैग आदि के अवशेष कहते हैं कि यहां के लोग व्यवसाय से जुड़े थे.

हड़प्पा कालीन आदर्श पुरातात्विक स्थल देखने के लिए आप रेल मार्ग तथा सड़क मार्ग-दोनों ही मार्गों से आ सकते हैं. दिल्ली और अन्य प्रांतों से आने वाले शोध के विद्यार्थी और अन्य सैलानी इन दोनों ही मार्गों को अपनाते हैं. रेलमार्ग से आप हांसी स्टेशन उतरे. सड़क मार्ग से भी आपको हांसी से ही 30 किलोमीटर आगे जाना पड़ता है. 

राखीगढ़ी गांव के पास ही रिसोर्ट एवं फार्म हाउस बना हुआ हैं. महत्वपूर्ण यह कि यह हड़प्पन शैली अर्थात मिट्टी के बने हैं. यहां मड हाउस में पांच कमरे बने हैं. यहां नवंबर के बाद टेंट भी लगाए गए हैं. इसके अतिरिक्त हांसी में भी अनेक होटल और रेस्टोरेंट भी मिल जाते है, जहां आप ठहर सकते हैं.

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