गेहूं के अलावा सेहत के लिए फायदेमंद है मिनरल्स व विटामिन से भरपूर इस अनाज का आटा
Rajgira Flour : हमारे पूर्वजों के समय में लोगों द्वारा ज्वार, बाजरा, मकई, रागी और अन्य अनाजों की रोटी खाई जाती थी, जिसमें बहुत प्रकार के न्यूट्रीशन और मिनरल शामिल होते हैं और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। लेकिन आज के समय में देश के हर घर पर गेहूं से बनी रोटी को खाया जाता है। यद्यपि, आज आपको ऐसे अनाज की रोटी के बारे में बताने वाले हैं जिसमें सभी प्रकार के तत्व मौजूद होते हैं। राजगीरा के आटे से बनी रोटी, लड्डू, हलवा जैसे पकवान बनाकर आप खा सकते हैं।
राजगिरा अनाज में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज, फाइबर, फास्फोरस और विटामिन ए, बी, सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स तत्वों की भरमार होती है। तो चलिए जानते हैं, राजगिरा अनाज को अपनी डाइट में शामिल करने के लाभ।
डायबिटीज से मिलता है, छुटकारा
राजगिरा आटा से बनी रोटियां खाने से डायबिटीज वालों का ब्लड शुगर लेवल कम होने की संभावना कम होती है क्योंकि यह शरीर में ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है।
हड्डियों को करता है, मजबूत
राजगिरा में कैल्शियम और अन्य मिनरल होने के कारण इसके आटे की रोटियां या लड्डू खाने से हड्डियों, दांतों, नाखूनों आदि को मजबूती मिलती हैं।
वजन घटाने में होता है, सहायक
राजगिरा के आटे की रोटियां गेहूं के आटे की जगह प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती हैं, इसलिए जिन लोगों को अपना वजन कम करना है, वे इसको अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। इस आटे का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है और पेट लंबे समय तक भरा रहता है।
इस रोग से मिलता है, फायदा
ग्लूटेन की एलर्जी वाले लोगों के लिए राजगिरा का आटा बहुत लाभदायक होता है। गेहूं की रोटी खाने से ग्लूटेन से पीड़ित लोगों को पेट में दर्द और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। यही कारण है कि राजगिरा ग्लूटेन फ्री अनाज होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
राजगिरा का आटा कई विटामिन और मिनरल्स से भरा होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इस आटे को खाने से आपको फ्री रेडिकल्स से छुटकारा मिलता है, जो आपको कई बीमारियों से बचाता है।