Edible Oil: मूंगफली तेल में तेजी, बाकी तेलों में विदेशी कारोबार के दबाव में सस्ते, जानें मंडी में आज का रेट    
 

 

Edible Oil: कई विदेशी बाजारों के मंदा रहने के कारण देश की राजधाई दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में आज मूंगफली तेल तिलहन को छोड़कर बाकी लगभग सभी खाद्य तेल तिलहनों के दाम में गिरावट दर्ज हुई. सस्ते आयातित खाद्य तेलों के कारण सरसों, सोयाबीन और बिनौला जैसे देशी तेल तिलहनों के बाजार में नहीं खपने से इन तेलों के भाव गिरावट के साथ ही बंद हुए. इसके अलावा मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट रहने के कारण कच्चा पामतेल (सीपीओ), पामोलीन तेल की कीमतों में भी कुछ गिरावट दर्ज हुई.

अब बाजार सूत्रों ने कहा कि देश में शुल्क मुक्त कोटा के तहत आयात की छूट 31 मार्च तक है जो लोडिंग करने का अंतिम दिन ही होगा. यानी ये तेल पूरे अप्रैल और मई तक आता रहेगा और दाम ऐसे ही कमजोर रहने की संभावना को देखते हुए देशी खाद्य तेल तिलहनों का खपना लगभग असंभव दिख रहा है.

तेल का एमआरपी 50-60 रुपये लीटर अधिक है

सूत्रों ने कहा कि यह देश हित में होगा कि तत्काल सस्ते आयातित खाद्यतेलों (सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे सॉफ्ट आयल) को नियंत्रित करने के लिए उनपर आयात शुल्क, अनुमतियोग्य अधिकतम सीमा तक भीबढ़ा दी जाये. उन्होंने कहा कि सरसों तेल प्रसंस्करण संघ (मोपा) के दो दिवसीय सेमिनार में सबके सामने इस चिंता को रखा गया कि सरसों तेल का एमआरपी 50-60 रुपये लीटर ज्यादा है और बड़ी कंपनियों के साथ ऐसी स्थिति कहीं ज्यादा है.

20 लाख टन सरसों की खरीद कर लेगा

संगठन के एक पदाधिकारी ने तो तिलहनों का वायदा कारोबार खोलने की वकालत की जो अनुचित है. सूत्रों ने आगे कहा कि इसी वायदा कारोबार ने तो देश में तेल तिलहन मामले में हमें आत्मनिर्भर नहीं होने दिया और आज तक हम आयात पर निर्भर बने हुए हैं. सूत्रों ने कहा कि देश में सरसों तिलहन का पिछले साल का बचा स्टॉक लगभग छह लाख टन तक का है, जबकि देश में पैदावार 113 लाख टन की है. इस प्रकार सरसों तिलहन का कुल स्टॉक 119 लाख टन तक का है. नाफेड द्वारा सरसों खरीद कराने का कोई फायदा नहीं होने वाला है. पिछले अनुभवों के हिसाब से नाफेड अधिक से अधिक 20 लाख टन सरसों की खरीद कर लेगा बाकी लगभग 100 लाख टन सरसों कौन खरीदेगा?

सूत्रों ने कहा कि तेल तिलहन बढ़ाने पर जोर देने के साथ ही साथ देशी तेल तिलहनों का बाजार बनाना भी बेहद जरूरी है. तेल तिलहन कारोबार में सारी नीतियां इसी मकसद को ध्यान में रखकर भी बनाई जानी चाहिये.

आज को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे

सरसों तिलहन – 5,250-5,300 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली – 6,775-6,835 रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,600 रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,545-2,810 रुपये प्रति टिन.
सरसों तेल दादरी- 10,950 रुपये प्रति क्विंटल.
सरसों पक्की घानी- 1,745-1,775 रुपये प्रति टिन.
सरसों कच्ची घानी- 1,705-1,830 रुपये प्रति टिन.
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,400 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,250 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,680 रुपये प्रति क्विंटल.
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,800 रुपये प्रति क्विंटल.
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,650 रुपये प्रति क्विंटल.
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,350 रुपये प्रति क्विंटल.
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,400 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल.
सोयाबीन दाना – 5,210-5,360 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन लूज- 4,970-4,990 रुपये प्रति क्विंटल.
मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल.

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