Edible Oil: आम आदमी को राहत! सोयाबीन तेल सस्ता, 88 रुपये लीटर हुआ रेट, जानें आज क्या रहें तेलों व तिलहन भाव
Edible Oil: विदेशी तेल बाजारों में गिरावट के रुख के बावजूद सस्ते आयातित तेलों की मांग सुधरने तथा कल रात शिकॉगो एक्सचेंज के 2.5 % तक मजबूत रहने के कारण राजधानी दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में आज को लगभग सभी तेल-तिलहनों के भाव कुछ मजबूत हो गये. मांग में सुधार और पिछले दो साल अच्छे भाव प्राप्त कर चुके किसानों द्वारा सस्ते भाव पर बिकवाली कम करने के कारण सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन तथा बिनौला, कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल के दाम आज सुधार के साथ बंद हुए.
वही मलेशिया एक्सचेंज में 0.3 % तक की गिरावट थी जबकि शिकॉगो एक्सचेंज कल रात 2.5 % तक मजबूत बंद हुआ था और फिलहाल यहां गिरावट भी है. बाजार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पिछले दो साल में किसानों को तिलहन फसल के अच्छे दाम मिलें तो हैं और वे सस्ते में अपनी उपज बेचने से अब कतरा रहे हैं. हालांकि, सरसों का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम भी बना हुआ है. तेल मिलों को देशी तेल की पेराई में नुकसान है क्योंकि पेराई के बाद देशी तेल की लागत ज्यादा बैठती है.
सिर्फ 50 प्रतिशत पेराई हो रही है
इसलिए पेराई लगभग 50% ही हो रही है. जिसकी वजह से सरसों खल का खुले बाजार में जो भाव पिछले साल इस समय लगभग 2,200-2,250 रुपये क्विंटल तक था वह इस बार बढ़कर 2,450-2,500 रुपये क्विंटल तक हो गया है. ठीक यही हाल बिनौला का भी है. पिछले साल एनसीडीईएक्स में बिनौला खल का स्टॉक 21.5 लाख बोरी का था जो इस साल घटकर लगभग दो लाख बोरी तक रह गया है. बिनौला तेल का थोक भाव 8-9 महीने पहले 160 रुपये किलो था वह घटकर अब 95 रुपये किलो तक रह गया है.
सूरजमुखी तेल का भाव करीब 135 रुपये लीटर बैठता है
सूत्रों ने कहा कि इसी प्रकार सूरजमुखी जैसे आयातित हल्के खाद्य तेल का जो भाव आठ महीने पहले लगभग 200 रुपये लीटर था वह घटकर अब 87-88 रुपये लीटर तक रह गया हैं. आयातित सोयाबीन तेल का भाव भी 87-88 रुपये लीटर के आसपास ही है. इन सस्ते आयातित तेलों के भाव के सामने देशी सरसों तेल का भाव करीब 115 रुपये लीटर तथा देशी सूरजमुखी तेल का भाव लगभग 135 रुपये लीटर तक भी बैठता है.
87-88 रुपये लीटर पर आयातित सूरजमुखी तेल के सामने सरसों (115 रुपये लीटर) और देशी सूरजमुखी (135 रुपये लीटर) को कैसे बाजार में खपाया जाये. देश के किसानों ने सरकार के आह्वान पर तिलहन उत्पादन तो बढ़ाया तो है, लेकिन अब उनके लिए देशी तेल-तिलहनों का बाजार बनाना सबसे अहम भी है. इसके लिए सबसे पहले सस्ते आयातित तेलों, विशेषकर सूरजमुखी और सोयाबीन जैसे नरम तेलों (सॉफ्ट आयल) के भाव को नियंत्रित करने के लिए उनपर आयात शुल्क को ज्यादा करना होगा और तभी बाजार की स्थिति ऐसी बनेगी कि देशी तेल- तिलहन खप भी पायेंगे.
आज तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे
सरसों तिलहन – 5,275-5,325 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली – 6,780-6,840 रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,600 रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,540-2,805 रुपये प्रति टिन.
सरसों तेल दादरी- 11,050 रुपये प्रति क्विंटल.
सरसों पक्की घानी- 1,715-1,785 रुपये प्रति टिन.
सरसों कच्ची घानी- 1,715-1,845 रुपये प्रति टिन.
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,300 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,200 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,700 रुपये प्रति क्विंटल.
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,850 रुपये प्रति क्विंटल.
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,500 रुपये प्रति क्विंटल.
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल.
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,45 0 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल.
सोयाबीन दाना – 5,200-5,350 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन लूज- 4,960-5,010 रुपये प्रति क्विंटल.
मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल.