Gram Procurement: गेहूं के बाद चने की MSP पर सरकारी खरीद के आँकड़ों ने चौंकाया, देखे ताजा सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट

 

The Chopal, मंडी ब्यूरो: गेहूं के बाद अब चने की सरकारी खरीद ने भी नया रिकॉर्ड देश में बनाया है. इससे किसानों के चेहरे पर खुशियां आ गई हैं. देश में अभी तक MSP पर 1436435 मीट्रिक टन चने की खरीद भी हो चुकी है. इसके बदले किसानों को 7663 करोड़ रुपय की राशि मिल भी चुकी है. हालांकि, अभी 5335 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चने की खरीद देश में हो रही है. केंद्र सरकार ने रबी सीजन 2023-24 के लिए चने का एमएसपी 5335 रुपये प्रति क्विंटल तक तय किया है.

नाफेड पूरे देश में चने की खरीद कर रहा है. अभी तक सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में चने की खरीद हुई है. 5.59 लाख टन चना बेच कर महाराष्ट्र के किसानों ने अपने राज्य को नंबर वन बना दिया है, जबकि इस लिस्ट दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है. यहां पर किसानों से नाफेड ने अभी तक 4.13 लाख टन चने की खरीदी भी की है. वहीं, तीसरे स्थान पर गुजरात है. नाफेड ने गुजरात में 2.57 लाख टन अभी तक सिर्फ चना खरीदा है. राजस्थान राज्य में 2394 टन ही चने की खरीद हुई है.

UP में महज 2547 टन चने की सरकारी खरीद 

इसी तरह वहीं, आंध्र प्रदेश में इसका आंकड़ा 57052 टन तक को पहुंच गया है. बात अगर कर्नाटक की करें तो यहां पर 73268 टन तक चने की सरकारी खरीदी हुई है. खास बात यह है कि इस सीजन में अभी तक सबसे कम उत्तर प्रदेश में चने की खरीदी हुई है. यहां पर महज 2547 टन चने की सरकारी खरीद अब तक की गई है.

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देश के ये राज्य करते हैं चने का उत्पादन

केंद्र सरकार रबी फसल सीजन 2022-23 के लिए 136.32 लाख मीट्रिक टन चने के उत्पादन का अनुमान भी लगाया है. पिछले सीजन में पूरे देश के अंदर 135.44 लाख टन चने की पैदावार हुई थी. ऐसे में कह सकते हैं कि इस साल चने की उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है. मध्य प्रदेश, राजस्थान महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात के साथ- साथ उत्तर प्रदेश भी चने का उत्पादन करने वाले मुख्य राज्य हैं. यहां पर किसान बड़े स्तर पर चने की खेती को करते हैं.

दलहन का होता है आयात

बता दें कि गेहं और चावल उत्पादन में तो भारत आत्मनिर्भर बन गया है. बासमती चावल का सबसे ज्यादा निर्यात भारत ही करता है. साथ ही भारत से कई देशों में गेहूं का भी एक्सपोर्ट भी किया जाता है. लेकिन, दलहन और तिलहन के मामले में भारत अभी भी पूरी तरह आत्मनिर्भर नहीं बन पाया है. उसे अपनी जनता की मांग को पूरा करने के लिए दूसरे देशों से तेल और दाल का आयात करना भी पड़ता है. भारत, हर साल 10 हजार करोड़ रुपये की दाल आयात भी करता है. खास बात यह है कि दलनी फसलों में सबसे ज्यादा चने का ही भारत उत्पादन करता है. दलहनी फसलों में चने की हिस्सेदारी 40 % से ज्यादा है

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