कच्ची हरी गेहूं की फसल ख़रीद रही यह कंपनी, क्वालिटी जांच के बाद होता है सौदा

 

THE CHOPAL - भारत के महाराष्ट्र में इन दिनों गेहू की हरी फसल भी बेची जा रही है। गेहू की हरी फसल खरीदने पर यह काफी चर्चा का विषय भी बना हुआ है। किसान भाइयों को बता दे की खेतों में लहलहाती गेंहू की हरी फसल को कम्पनी की द्वारा मशीनों के तहत कटाई करके उसे रोलपैक भी किया जा रहा है। सभी के मन में सवाल हैं की आखिर कोन और क्यों खरीद रहा है गेंहू की हरी फसल? आइए जाने पूरी अपडेट खबर के माध्यम से -

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हरी फसल बेचने पर कितना दाम मिलता है -

आपको बता दे की किसानों का मानना हैं की ये गेहू की हरी फसल कंपनी के लिए खरीदकर ले भी जा रहे हैं। कंपनी कर्मचारी के अनुसार सबसे पहले वो पशु चारे के क्वालिटी को जांचते हैं इसके बाद किसान से फसल का सौदा तय किया जाता हैं। बता दे की सांकलखेड़ा कला गांव के किसानों को फसल पकने के पहले ही फसल के दाम मिल भी रहे हैं। आपको बता दे की किसानों को अब कटाई से लेकर खेत साफ करने की परेशानी से निजात भी मिल रही है। कंपनी किसान को एक बीघा खेत के लिए 20000 रुपए में सौदा भी कर रहे हैं। लेकिन आपको बता दे की खेत में खड़ी फसल की मौजूदा स्थिति जांचने के बाद ही  भाव कम या अधिक भी लगा सकते हैं। किसानों के अनुसार निजी कंपनी के कर्मचारी खेत में गेहू की  पैदावार और फसल की मौजूदा स्थिति देखकर रेट तय भी कर रहे हैं। आप कि जानकारी के लिए बता दे की जैसे की एक बीघा खेत में 10 क्विंटल गेहू की पैदावार होती हैं तो, कंपनी की तरफ से 20000 रुपए में सौदा तय किया जाता हैं। 

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कहाँ बेची जाती है हरी फसल -

इन दिनों महाराष्ट्र के विदिशा जिले के गांवों में  की अब निजी कंपनी ने किसानों की गेहू की हरी फसल खरीदना शुरू भी किया है। आपको बता दे की गेंहू की लहलहाती फसल को यह कंपनी खरीदकर काट भी  रही है। बता दे की गेहू की नरवाई सहित इसे रोलपैक करके बाहर देश भी भेज रही है। आपको बता दे इन दिनों विदिशा तहसील के आसपास सांकलखेड़ा कला एवं देवखजूरी निजी कंपनी के ट्रेक्टर विशालकाय मशीनें जो फसल कटाई लिए उपयोग आती हैं उस के साथ देखे जा रहे हैं। 

गेंहू की हरी फसल को रोलपैक -

किसानों के अनुसार हरी फसल को नरवाई सहित रिपर जैसी कटाई भी करते हैं। लगभग दो घंटे बाद कटी गेहू कि हरी फसल पर कोई कैमिकल का छिड़काव भी करते हैं। कैमिकल का छिड़काव करने के बाद  बालियों समेत नरवाई लगी फसल को रोलपैक कर दिया जाता हैं।

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गेहूं को हरा बेचने होता हैं नुकसान -

बता दे की गेंहू हरी फसल खरीदी भी जा रही है। बता दे की किसान हाथोहाथ निजी कंपनी को खेतों खड़ी अपनी हरी गेहूं की फसल बेचने में काफी रुचि भी दिखा रहे हैं। आपको बता दे की हालांकी अधिकतर किसान कच्ची फसल बेचने से साफ मना भी कर रहे हैं। किसानों का मानना हैं की हरी गेहूं की फसल बेचने से नुकसान होता हैं। 

अंतिम विचार: आपको बता दे की सरकारी स्तर पर अबतक ऐसी कोई पहल नहीं हुई है और बता दे की  जिले के अधिकारियों को भी इस बारे में अभी किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं हैं।