Wheat MSP: सरकारी गेहूं खरीद के लिए आधार जरूरी करने पर बड़ा खुलासा, इतने लाख किसान सीधे हुए लिस्ट से कम

 

THE CHOPAL - गेहूं को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीकरण कराने वाले किसानों की संख्या अब पिछले दो साल में 10 लाख कम भी हो गई है। आपको बता दे की खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम ने पंजीकरण से पहले किसानों के आधार नंबर के वेरीफिकेशन और खाते से आधार से लिंक करने की बाध्यता भी लगा रखी हैं। बता दे की इसी के बाद किसान घटे भी हैं।

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इसके अलावा बता करे तो निगम ने सैटेलाइट इमेज से भी फसल के होने या नहीं होने की जांच भी कराई है। साथ ही 9 जिलों में पंजीकरण के डाटा का भी परीक्षण भी किया जा रहा है। इनमें सबसे अधिक गेहूं की आवक भी होती है। इनमें विदिशा, सतना, उज्जैन,नर्मदापुरम धार,सिवनी, रीवा और सागर शामिल भी हैं। इन जिलों में सैटेलाइट के माध्यम से खेती के रकबे का आंकलन भी अब हो रहा है।

5 साल पुराने आंकड़े पर पहुंचे भी किसान -

वर्ष किसानों का पंजीकरण -

   वर्ष              आंकड़े
- 2023-24 14,67,118
- 2022-23 19,81,542
- 2021-22 24,72,467
- 2020-21 19,47,829
- 2019-20 19,98,437
- 2018-19 15,01,756

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2021-22 में रिकॉर्ड खरीदी, पंजाब से भी अधिक 

आपको बता दे की 2021-22 में लगभग 24.72 लाख किसानों ने MSP पर गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण भी कराया था। बता दे की तब रिकॉर्ड 129 लाख टन गेहूं खरीदी सरकार ने की थी । यह MP में अब तक की सबसे बड़ी खरीदी भी। तब  MP ने पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया था। इसी के बाद सरकार ने आधार के साथ पंजीकरण और खाते को जोड़ दिया। आपको बता दे की इस व्यवस्था के तुरंत बाद ही 2022-23 में पंजीकरण  4 लाख 90 हजार घट भी गया। 

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