Railways: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, रेलवे की 62000 हेक्टेयर जमीन पर बनेंगे स्कूल, अस्पताल व कार्गो

THE CHOPAL - भारत में बुनियादी ढांचे को अधिक मजबूती देने के मकसद से भारत की केंद्र सरकार ने एक बहुत बड़ा फैसला भी लिया है। आपको बता दे की केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को रेलवे की जमीन को 35 वर्ष के लिए लीज पर देने का फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस फैसले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि PM गति शक्ति कार्यक्रम के माध्यम से रेलवे की जमीन को लंबे वक्त के लिए लीज पर देने को मंजूरी भी दी गई है.
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अनुराग ठाकुर के अनुसार खाली पड़ी रेलवे की जमीन पर अगले 5 वर्ष में 300 कार्गो टर्मिनल बनाए भी जाएंगे. इसके अलावा रेलवे की जमीन पर अस्पताल और केंद्रीय विद्यालय भी बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इससे एक लाख से अधिक रोजगार पैदा भी होंगे.
क्या है सरकार का फैसला?
सरकार के मुताबिक, पीएम गति शक्ति योजना को लागू करने के लिए रेलवे की जमीन को लंबे समय के लिए लीज पर दिया जाएगा. अब 35 वर्ष के लिए रेलवे की जमीन लीज पर ले सकेंगे.पहले इसकी अवधि सिर्फ 5 वर्ष थी. रेल मंत्रालय ने भूमि नीति में संशोधन किए थे, जिसे केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूर कर लिया है. अनुराग ठाकुर ने बताया कि इसे अगले 90 दिन में लागू किया जाएगा.
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ऐसा फैसला क्यों?
रेलवे का नेटवर्क पूरे देश में फैला है. रेलवे के नाम पर सबसे अधिक जमीन है. रेल मंत्रालय के मुताबिक, 31 मार्च 2021 तक देशभर में रेलवे के पास 4.84 लाख हेक्टेयर जमीन थी. इसमें से 62 हजार हेक्टेयर जमीन खाली पड़ी है, यानी इसका कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है. अब तक 5 वर्ष के लिए रेलवे की जमीन लीज पर मिलती थी. इससे कार्गो टर्मिनल में निवेश का दायरा सीमित हो जाता है. माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाने और अधिक से अधिक कार्गो टर्मिनलों को बनाने के लिए लैंड लीज पॉलिसी में बदलाव किया गया है.
इससे फायदा क्या होगा?
इससे माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ेगी और लॉजिस्टिक लागत कम होगी. इससे सरकार को रेलवे का रेवेन्यू बढ़ने की उम्मीद भी है. इसके अलावा इससे 1.2 लाख रोजगार पैदा होने की उम्मीद भी है । इतना ही नहीं, लीज पर रेलवे की जमीन पर सोलर प्लांट भी लगाए जा सकेंगे. इसके अलावा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के जरिए अस्पताल और स्कूल भी बनाए जा सकेंगे. इसके लिए रेलवे की जमीन 1 रुपये प्रति वर्ग मीटर की वर्षाना कीमत पर लीज पर मिलेगी.
किस रेट पर मिलेगी जमीन?
अनुराग ठाकुर के मुताबिक, कार्गो और कार्गो से जुड़ी गतिविधि के लिए 35 वर्ष की अवधि के लिए रेलवे की जमीन को लीज पर दिया जाएगा. ये जमीन की मार्केट वैल्यू के 1.5% की दर से लीज पर दी जाएगी. साथ ही, रेल डेवलपमेंट लैंड अथॉरिटी के जरिए रेलवे की कुछ जमीन कमर्शियल इस्तेमाल के लिए भी दी जाती है. मार्च 2021 तक देशभर में रेलवे की 266.68 हेक्टेयर जमीन का कमर्शियल इस्तेमाल हो रहा था.