इस तरह के संकेत होते हैं आपके घर में तो समझ ले आपके पूर्वज हैं नाराज

 

THE CHOPAL-  हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बहुत ज़्यादा महत्व भी है। पौराणिक मान्यता के अनुसार पितृपक्ष के वक्त हमारे पूर्वज अपने वंशजों को आशीर्वाद देने धरती पर आते भी हैं। पितृपक्ष में पूर्वजों की मुक्ति और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध भी किया जाता है. इस दिन पितरों के नाम से दान, पुण्य, धर्म के काम भी करने और पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति भी मिलती है. ऐसी मान्यता है कि अगर पितृ नाराज हो गए तो घर में अशांति मच भी सकती है. पितरों के नाराज होने पर घर में कई प्रकार से कलह होने भी लगती है. 

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1.घर में कलह -

पितरों के नाराज होने पर घर में कलह मची भी रहती है. बिना किसी बात को लेकर परिवार के सदस्य आपस में लड़ते झगड़ते भी रहते हैं. अगर आपके यहां भी ऐसा होता है तो यह पितृदोष कि वजह हो सकता है.

2.स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं -

पितरों के नाराज होने पर घर मे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लगी भी रहती हैं। लगातार परिवार का कोई सदस्य अस्वस्थ भी बना रहेगा. इलाज कराने के बावजूद समस्याएं यथावत बनी भी रहती हैं। यह पितृदोष का बड़ा लक्षण भी है.

3.काम में रुकावट -

अगर आपका कोई बनता हुआ कार्य बिगड़ भी रहा है तो यह पितृदोष का लक्षण हो सकता है. पितृदोष होने पर काम में रूकावट भी आती है. बनते हुए कार्य आचनक बिगड़ भी जाते हैं.

4.संतान संबंधी समस्या -

पितृदोष होने पर परिवार में संतान संबंधी समस्याओं का सामना करना भी पड़ता है. अगर आपके परिवार में भी किसी को संतान नहीं हो रही है तो यह पितृदोष के लक्षण भी हो सकते हैं.

5.परिवार में किसी सदस्य का अविवाहित होना-

अगर आपके परिवार में किसी सदस्य के विवाह में अड़चनें आती हैं तो यह पितृदोष का लक्षण हो सकता है. पितृदोष होने पर परिवार का सदस्य अविवाहित रह जाता है या शादी फिट होने के बाद भी टूट जाती है तो यह पितृदोष का लक्षण हो सकता है.