RBI का सिबिल स्कोर को लेकर बड़ा अपडेट, लागू होंगे 6 नए नियम
CIBIL Score New Rule : लोन को समय पर नहीं चुकाने पर आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) गिर जाता है। परीक्षा में कोई बच्चा बैठ जाता है और ठीक से पेपर नहीं देता, तो उसे मार्क्स नहीं मिलते। बाद में, बच्चे को उसी कम मार्क्स के साथ अच्छे कॉलेज में प्रवेश नहीं मिलता। लोन लेने और डिफॉल्ट होने के बाद भी यही होता है। लोन नहीं चुकाने से आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है, जो डिफॉल्ट कहलाता है। जब आप अगली बार किसी भी बैंक में लोन लेने जाएंगे, कोई बैंक आपको धन नहीं देगा। अब सिबिल स्कोर का महत्व समझ गया होगा। रिजर्व बैंक (RBI) ने इस सिबिल के साथ छह नए नियम बनाए हैं।
The Chopal, CIBIL Score New Rule : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रेडिट स्कोर को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सिबिल स्कोर (CIBIL Score) के लिए कुछ महीने पहले पांच नियम बनाए क्योंकि क्रेडिट स्कोर को लेकर लगातार शिकायतें आ रही थीं। हाल ही में एक अतिरिक्त नियम जोड़ा गया है। आपके पास अच्छा सिबिल स्कोर है क्योंकि इससे आप आसानी से लोन पा सकते हैं।
इसे बनाए रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपाय है कि आप भुगतान करते समय डिफॉल्ट नहीं करते हैं। आपका सिबिल स्कोर खराब हो सकता है अगर आप EMI को समय पर नहीं भुगतान करते हैं। अब तक रिजर्व बैंक ने छह नियम बनाए हैं, जो ग्राहकों को सीधे फायदे देंगे। 1 जनवरी से सिबिल स्कोर पर नए नियम लागू हो गए हैं। इन नियमों से लोन लेना आसान होगा और ग्राहक अपने क्रेडिट स्कोर को सुरक्षित रख सकेंगे। जाने कि इन छह नियमों का आपके क्रेडिट स्कोर और लोन सुविधा पर क्या असर होगा।
CIBIL स्कोर अब 15 दिन में अपडेट होगा
1 जनवरी 2025 से RBI के नए नियम के अनुसार, ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर अब हर 15 दिन में अपडेट किया जाएगा। रिजर्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को समय पर ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर अपडेट करने का आदेश दिया है। आरबीआई गवर्नर ने हाल ही में कहा कि क्रेडिट डेटा हर 15 दिन में अपडेट किया जाएगा। यह ग्राहकों को अपने क्रेडिट स्कोर की वर्तमान स्थिति का समय पर पता चलाने और उनकी लोन योग्यताओं पर बेहतर नजर रखने में मदद करेगा।
अब ग्राहकों का CIBIL स्कोर हर महीने की 15 तारीख और महीने के अंत में अपडेट किया जा सकता है। ताकि हर 15 दिन में डेटा अपडेट किया जा सके, क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस (CI) और क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CIC) अपनी सहूलियत के अनुसार कोई अतिरिक्त तिथि निर्धारित कर सकते हैं। नियम के अनुसार, क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस को ग्राहकों के क्रेडिट स्कोर का अपडेट देने के लिए हर महीने CIC को भेजना अनिवार्य है।
CIBIL Score New Rule : लोन को समय पर नहीं चुकाने पर आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) गिर जाता है। परीक्षा में कोई बच्चा बैठ जाता है और ठीक से पेपर नहीं देता, तो उसे मार्क्स नहीं मिलते। बाद में, बच्चे को उसी कम मार्क्स के साथ अच्छे कॉलेज में प्रवेश नहीं मिलता। लोन लेने और डिफॉल्ट होने के बाद भी यही होता है। लोन नहीं चुकाने से आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है, जो डिफॉल्ट कहलाता है। जब आप अगली बार किसी भी बैंक में लोन लेने जाएंगे, कोई बैंक आपको धन नहीं देगा। अब सिबिल स्कोर का महत्व समझ गया होगा। रिजर्व बैंक (RBI) ने इस सिबिल के साथ छह नए नियम बनाए हैं।
केंद्रीय बैंक ने सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को निर्देश दिया है कि जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी (NBFC) किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट देखता है, तो ग्राहक को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। आप इस जानकारी को एसएमएस या ईमेल के माध्यम से भेज सकते हैं। वास्तव में, भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट स्कोर को लेकर कई शिकायतों के कारण यह निर्णय लिया है।
रिक्वेस्ट को अस्वीकार करने का कारण बताना आवश्यक है
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि अगर किसी ग्राहक की रिक्वेस्ट ठुकरा दी जाती है, तो उसे इसकी वजह बतानी चाहिए। ग्राहक को इससे पता चलेगा कि उसकी रिक्वेस्ट क्यों अस्वीकार की गई है। सभी क्रेडिट कंपनियों को ग्राहकों को रिजेक्शन की संभावित वजहों की सूची देना चाहिए ताकि उन्हें अपनी क्रेडिट स्थिति को सुधारने का अवसर मिल सके।
ग्राहकों को साल में एक बार मुफ्त पूरी CIBIL रिपोर्ट दें
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, क्रेडिट कंपनियों को अपने ग्राहकों को हर साल एक बार पूरी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में देनी चाहिए। इसके लिए, क्रेडिट कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक देना होगा, जिससे ग्राहक आसानी से अपनी मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट देख सकें। ग्राहकों को साल में एक बार अपना सिबिल स्कोर और पूरा क्रेडिट इतिहास मिलेगा।
डिफॉल्ट रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को सूचित करें
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि ग्राहक को डिफॉल्ट (loan default) रिपोर्ट करने से पहले बताना चाहिए। लोन देने वाले संगठनों को SMS या ई-मेल से पूरी जानकारी दें। इसके अलावा, बैंकों और लोन देने वाली संस्थाओं में नोडल अधिकारी होना चाहिए। नोडल अफसर क्रेडिट स्कोर की समस्याओं को हल करेंगे।
30 दिन में शिकायतों का समाधान हो
अगर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी 30 दिन के अंदर ग्राहकों की शिकायतों को हल नहीं करती है, तो उसे हर दिन 100 रुपये का जुर्माना देना होगा। यानी शिकायत की अवधि जितनी अधिक होगी, उतना अधिक जुर्माना चुकाना होगा। लोन बांटने वाली संस्था को 21 दिन का वक्त मिलेगा, जबकि क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का वक्त मिलेगा। 21 दिन में क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताया गया तो बैंक दंड देगा। वहीं, अगर बैंक को सूचना देने के नौ दिन बाद भी शिकायत का समाधान नहीं हुआ, तो क्रेडिट ब्यूरो को दंड देना होगा।