हरियाणा के जिले भिवानी के तोशाम हलके में सबसे बड़े गांव बपौड़ा आज भी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अछूता है. यह केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का पैतृक गांव है. उनका जन्म यहीं हुआ था. इसके बावजूद हालात में अब तक कोई सुधार नहीं हो पाया. ग्रामीण बताते है आज तक इतनी मौत कभी नहीं देखी धरती पर आए इतने साल हो गए हमें,
वहीं गांव के ब्राह्मण वाली धर्मशाला के बाहर बैठे युवा कहते हैं कि युवाओं के भरोसे ही चल रहा है. प्रशासन ने अबतक कुछ नहीं किया है. गांव ने मांग उठाई तो डीसी ने संज्ञान लिया. सरकारी स्कूल में आइसोलेशन वार्ड बना दिया. हमें सिर्फ सिविल अस्पताल के भरोसे रहना पड़ता है. गंभीर हालात में पीजीआई जिला रोहतक और जिला हिसार ही जाना पड़ता है.
वहीं गांव के सरपंच नरेश कुमार बताते हैं कि गांव में 3 से 4 जवान कोरोना से गुजरे हैं. वैसे गांव में 20 से 25 मौत हो चुकी है, परंतु उनकी टेस्टिंग नहीं हुई तो मौत के कारण का भी पता नहीं चला. मई का पहला हफ्ता तो काफी बुरा गुजरा. एक दिन में तीन से चार मौत भी हो गई. इससे माहौल बिगड गया था.
वहां गांव के लोगों की मांग थी कि अस्पताल मिले, फिर डीसी से बात की तो उन्होंने बताया कि गांव में पीएचसी नहीं बन सकती. सिविल अस्पताल से 8 किमी का दायरा होना चाहिए तभी पीएचसी बन पाएगी. इसके बाद डीसी से सिफारिश की कि वैक्सीन और टेस्टिंग ही गांव में हो जाए. बैठने के लिए धर्मशाला है. अपने स्तर पर सैनेटाइजेशन और मुनादी करवा दी है.