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UP के इस एक्सप्रेसवे से 1 लाख घरों को मिलेगा बिजली का फायदा, 1700 हेक्टेयर जमीन होनी अधिग्रहण

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के तत्वावधान में, 296 किमी लंबे चार-लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसे बाद में इसे छह लेन तक विस्तारित भी किया जा सकता है।
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UP के इस एक्सप्रेसवे से 1 लाख घरों को मिलेगा बिजली का फायदा, 1700 हेक्टेयर जमीन होनी अधिग्रहण

The Chopal , New Delhi : देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे उत्तर-प्रदेश में बन रहा है। इसका नाम बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) है। इसमें पीपीपी मॉडल के तहत सोलर प्लांट्स लगेंगे। इससे 550 मेगावॉट सोलर पॉवर जनरेट की जाएगी। इसके जरिए इस परियोजना से जुड़े करीब एक लाख घरों को रोजाना बिजली मिल सकेगी। बता दें कि यूपी में एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी यूपीआईडी (UPEIDA) बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) को सोलर एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित करने जा रही है।

इसके लिए एक्सप्रेसवे पर 1700 हेक्टेयर जमीन भी चिन्हित कर ली गई है। कई बड़ी कंपनियां इस परियोजना में दिलचस्पी ले रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आठ प्रमुख सोलर पॉवर डेवलपर्स ने अपना प्रेजेंटेशन पूरा कर लिया है। इसमें टास्को, टोरेंट पॉवर सोमाया सोलर सॉल्यूशन, आर मैनेजमेंट, एरियाश मोबिलिटी, एरिया वृंदावन पॉवर और अवाड़ा एनर्जी शामिल हैं।

लगाए जाएंगे सोलर पैनल

सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को प्रदेश में सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सोलर एक्सप्रेसवे के रूप में डेवलप कर रही है। उप्र एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा इस परियोजना पर काम किया जा रहा है। परियोजना की उम्र 25 वर्ष होगी। कंपनी के चयन को लेकर बोली प्रक्रिया जल्द पूरी करवाने की कवायद की जा रही है। पीपीपी (सार्वजनिक निजी भागीदारी) मॉडल के तहत सोलर प्लांट्स लगाए जाएंगे। इसके लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 1700 हेक्टेयर भूमि भी चिह्नित की है। एक्सप्रेसवे पर मुख्य मार्ग और सर्विस लेन के बीच में 15 से 20 मीटर चौड़ी पट्टी वाला क्षेत्र पूरे एक्सप्रेस-वे में खाली है, इसी पर सोलर पैनल लगाने की तैयारी की जा रही है।

कितने रुपये होंगे खर्च

बता दें कि उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के तत्वावधान में, 296 किमी लंबे चार-लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसे बाद में इसे छह लेन तक विस्तारित भी किया जा सकता है। एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड क्षेत्र को इटावा के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ता है। यह चित्रकूट जिले के भरतकूप के पास गोंडा गांव में NH-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव के पास तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे में मिल जाता है। यह सात जिलों से होकर गुजरती है, जिनमें चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा शामिल हैं।

बता दें कि सोलर प्लांट एक्सप्रेसवे पर इसलिए लगाया जा रहा है क्योंकि वह पूरी तरीके से उपयुक्त है। यहां पर जमीन आसानी से उपलब्ध है। इस जगह मौसम भी साफ रहता है। यह एक शुष्क एरिया है।

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