यूपी में बनाए जाएंगे 1000 ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर, 5 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
UP News : उत्तर प्रदेश में रोजगार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत हैं। उत्तर प्रदेश में नई ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर नीति बनाई गई है। सरकार के इस कोशिश से 5 लाख लोगों को रोजगार मिलने वाला है।
Uttar News : उत्तर प्रदेश में रोजगार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। प्रदेश में बहुत जल्द 1000 ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर का निर्माण किया जाएगा। सूबे के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आईटी विभाग की तरफ से नई ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर नीति तैयार की गई है। इस नीति को जल्द ही कैबिनेट से स्वीकृति मिलने की संभावना है। निजी कंपनियों को इस नीति के तहत जमीन अधिग्रहण और स्टाफ ड्यूटी में छूट सहित कई रियायतें दी जानी है।
निजी कंपनियों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी
उत्तर प्रदेश में एक हजार ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर बनाए जाएंगे। 5 लाख लोगों को इससे काम मिलेगा। इन्हें स्थापित करने के लिए निजी कंपनियों को जमीन से लेकर स्टांप डयूटी में छूट तक विभिन्न प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी। रोजगार, निर्यात वृद्धि और नवाचार रियायतों का आधार होंगे।यूपी सरकार के आईटी विभाग ने एक नवीनतम विश्व कैपिसटी सेंटर नीति बनाई है। कैबिनेट इसे जल्द पास करेगा। फ्रंट एंड लैंड सब्सिडी के तहत निवेशकों को गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद में ३० प्रतिशत, पश्चिमी यूपी (गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद) में 40 प्रतिशत और पूर्वांचल बुंदेलखंड में 50 प्रतिशत जमीन दी जाएगी।
स्टांप ड्यूटी पर पूरी तरह से छूट
यदि परियोजना समय पर पूरी नहीं होती, तो इस सब्सिडी का 12 प्रतिशत हर साल जमीन पर वसूली होगी। जमीन पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी पर पूरी तरह से छूट मिलेगी। निवेशकों को एक करोड़ रुपये से अधिक का टर्म लोन लेने पर प्रति वर्ष पांच प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। ऑपरेशनल एक्सपेंस सब्सिडी 20 प्रतिशत की दर से लीज रेंट, बैंडबिथ, डाटा सेंटर, क्लाउड सर्विस, बिजली खर्च आदि पर दी जाएगी। कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को सरकार देगी। यह प्रत्येक कर्मचारी के लिए अधिकतम 1.2 लाख रुपये प्रति वर्ष होगा। तीन वर्ष तक यह सुविधा उपलब्ध होगी।
20 हजार रुपये प्रति माह योगदान
इसके अलावा, सरकार एक वर्ष तक फ्रेशर के वेतन में 20 हजार रुपये प्रति माह योगदान देगी अगर कंपनी में यूपी के रहने वाले कम से कम 30 लोगों को काम मिलेगा। पचास इनटर्न करने वाले युवाओं को प्रतिभा विकास और कौशल विकास को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार कंपनी को तीन वर्ष के लिए अधिकतम पांच हजार रुपये प्रतिवर्ष देगी। फर्च्यून ग्लोबल 500 कंपनी या कम से कम 50 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर सरकार अलग से इन्सेंटिव देगी, इसी तरह केस के आधार पर। केंद्र को चलाने के लिए सात अलग-अलग श्रम कानूनों को हटा दिया जाएगा। यह सेंटर सातों दिन चौबीस घंटे खुला रहेगा। महिलाओं को रात में काम करने की अनुमति मिलेगी।
क्या है ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर और यह क्या करता है?
सूचना प्रौद्योगिकी, आर्टीफिशयल इंटलीजेंस, डाटा विशलेषक, साइबर सिक्योरिटी, डाटा मैनेजमेंट, क्लाउट कम्प्यूटिंग, क्वांटम कम्प्यूटिंग, रोबोटिक्स, उत्पाद विकास आदि पर तुरंत तकनीकी प्रदान करने वाले यह बहुआयामी सुविधा युक्त सेंटर हैं। किसी बहुराष्ट्रीय कम्पनी के लिए यह महत्वपूर्ण संबंध हैं। यह डिजिटल ट्रांसफार्मेशन, हाईवैल्यू आपरेशंस, इंजीनियरिंग और शोध पर काम करते हैं। इस तरह के ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर ने सूचना तकनीक को बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, बीमा, सेमी कंडक्टर, संचार, कैमिकल, फार्मास्यूटिकल, इनर्जी, मेडिकल उपकरण, एयरोस्पेस, ऑयल, गैस और स्वास्थ्य सेवाओं में लाभकारी सिद्ध किया है।
यूपी में 35,000 हजार उच्च शिक्षित और प्रशिक्षित पेशेवर
यूपी में फिलहाल 200 इलेक्ट्रानिक सिस्टम डिजाइन और मैन्यूफैक्चरिंग और आईटी कंपनियां हैं। जिसमें लगभग ३५० हजार उच्च शिक्षित प्रशिक्षित पेशेवर कार्यरत हैं। 40 आईटी पार्क और 25 विशेष आर्थिक परिक्षेत्र यहां हैं। वर्तमान में नोएडा विश्वव्यापी कैपसिटी सेंटर का हब है। लखनऊ आर्टीफिशयल इंटलीजेंस का हब बनने वाला है। यूपी में 13299 नए उद्यम हैं।