UP में 2 जिलों के 13 गांवों की होगी अदला-बदली, बदल जाएगा इन गांवों का पता
UP News: उत्तर प्रदेश के दो जिलों के लोगों के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है. इन जिलों के गांव की अब अदला-बदली होने वाली है. दोनों जिलों के लगभग 32000 लोगों का पता बदल जाएगा. 13 गांव के लोग प्रभावित होंगे.

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश से जुड़ी यह एक बड़ी प्रशासनिक अपडेट है। दो जिलों के बीच 13 गांवों की अदला-बदली (boundary reorganization) की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे लगभग 32,000 लोगों का पता बदल जाएगा। ये बदलाव सीमांकन (re-demarcation) और राजस्व क्षेत्र के पुनर्गठन के तहत किए जा रहे हैं।
प्रयागराज और कौशांबी जिलों में गांवों का विलय होगा, जिससे लगभग 32,000 लोगों का स्थानांतरण होगा। दूसरे जिले में कौशांबी के ग्यारह गांव और प्रयागराज के दो गांव शामिल होंगे। यह बदलाव एक ऐसी समस्या को हल करने के लिए किया जा रहा है जिसे "पॉकेट विलेज" कहा जाता है, जहाँ एक जिले का गांव दूसरे जिले के गांवों से घिरे हुए है, जिससे निवासियों को चुनावों और प्रशासनिक कार्यों में परेशानी होती है।
32 हजार लोगों का पता बदल जाएगा
प्रयागराज के दो गांवों और कौशांबी के ग्यारह गांवों के लगभग 32 हजार लोगों का पता बदल जाएगा। जल्द ही प्रयागराज के छह हजार लोग कौशांबी जनपद के बासिंदे कहलाएंगे, जबकि कौशांबी जिले के लगभग 24 हजार लोग प्रयागराज के वासी हो जाएंगे। प्रशासन ने इसके लिए प्रयास शुरू कर दिया है। अब प्रयागराज में कुल 1549 गांव होंगे, जबकि कौशांबी में 442 गांव होंगे।
प्रयागराज में अभी तक 1540 गांव हैं, जबकि कौशांबी में 451 गांव हैं। बहुत से गांव दोनों जिलों की सीमा पर हैं और उनके अगल-बगल दूसरे जिले के गांव हैं। मसलन, कौशांबी जनपद की चायल तहसील में प्रयागराज के सदर तहसील के चक चंद्रसेन और उजिहिनी आईमा गांव हैं। चक चंद्रसेन के आसपास पांच गांव हैं जो कौशांबी जिले में हैं। यह गांव के लोग हर बार बाहर निकलते हैं या आते हैं तो दूसरे जिले के गांवों से गुजरते हैं।
इन गांवों के लोगों को विभिन्न योजनाओं से लेकर चुनावों के दौरान परेशानी होती है। यही नहीं, कौशांबी में यमुना के कछार और उपरहार में ग्यारह गांव हैं। इन गांवों के चारों ओर प्रयागराज जिला है। ये गांव प्रयागराज के ब्लाक, थाना और तहसील में आते हैं। इन ग्यारह गांवों के थाने, ब्लाक और तहसील मुख्यालय काफी दूर हैं।
ऐसे में शासन को इन गांवों को प्रयागराज में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके लिए सरकार ने दो विशेष सचिवों को नियुक्त किया है। दोनों विशेष सचिव जल्द ही लखनऊ में मंडलायुक्त और दोनों जिलों के डीएम से मिलेंगे। इसके बाद प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
इन गांवों का नाम पाकेट विलेज है
प्रयागराज के दो तथा कौशाबी के इन 11 गांवों को राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पाकेट विलेज बोलते और लिखते भी हैं। दरअसल, इन गांवों के अगल-बगल स्थित गांव दूसरे जिले के हैं, इसलिए पाकेट विलेज बोला जाने लगा।