UP में 4 जिलों के 144 गांवों जमीन पर बसेगा नया शहर, एक्सप्रेसवे सहित चार बड़े मार्गो से होगा जुड़ेगा
Uttar Pradesh News : राज्य के भविष्य के विकास का रोडमैप बन रहा है। इसका मकसद केवल शहरी इलाकों में नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी संतुलित और टिकाऊ विकास सुनिश्चित करना है। सड़कों, जलापूर्ति, सीवरेज और सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क को व्यापक रूप से अपग्रेड किया जाएगा। नो-कंस्ट्रक्शन जोन और बफर जोन के जरिए प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा की जाएगी।

UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने समग्र और संतुलित विकास के लिए मास्टर प्लान.2041 बनाया है। उत्तर प्रदेश मास्टर प्लान 2041 इसी सोच को साकार करता है, जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए एक समांतर रणनीति बनाई गई है। मुख्य शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी अवसंरचना, आवास, औद्योगिक विकास और पर्यावरणीय संरक्षण को बढ़ावा देने का लक्ष्य है। नए आवासीय क्षेत्रों का निर्माण जनसंख्या की आवासीय आवश्यकताओं को पूरा करेगा। औद्योगिक कॉरिडोर और लॉजिस्टिक हब की स्थापना से नए अवसर पैदा होंगे। बुनियादी सुविधाओं का विस्तार होगा, जिसमें सड़कें और जल आपूर्ति शामिल हैं। नो कंस्ट्रक्शन क्षेत्र और बफर क्षेत्र पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखेंगे।
आधुनिक परिवहन साधन उपलब्ध होंगे
मास्टर प्लान 2041 उत्तर प्रदेश के समेकित विकास की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। जो न केवल शहरीकरण को प्रोत्साहित करेगा। बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों का भी विकास होगा। ग्रेटर नोएडा फेज-2 में चार एक्सप्रेसवे, तीन राज्य राजमार्ग और तीन राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल होंगे। यहां फ्लाईओवर, अंडरपास और इंटरचेंज बनेंगे। यहां ट्रेन, मेट्रो और नमो भारत जैसे आधुनिक परिवहन साधन उपलब्ध होंगे। इसे मास्टर प्लान-2041 में शामिल किया गया है।
144 गांव शामिल
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा के विस्तार के तहत नया शहर फेज-2 बसाया जाएगा। इसमें गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, हापुड़ और गाजियाबाद के कुल 144 गांव शामिल हैं। यह 33,715.22 हेक्टेयर जमीन पर विकसित होगी। योजना के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा फेज-2 को यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय राजमार्ग-91, राष्ट्रीय राजमार्ग-34 और राष्ट्रीय राजमार्ग-24 से जोड़ा जाएगा।
योगी सरकार के कई ऐतिहासिक फैसले
हाल के वर्षों में, उत्तर प्रदेश सरकार ने कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं जो राज्य को समग्र रूप से विकसित करेंगे। जिनमें इंफ्रास्ट्रक्चर विकास परियोजनाएं और मास्टर प्लान 2041, आउटसोर्स सेवा निगम की स्थापना शामिल हैं। ये सभी उपाय किए गए हैं ताकि राज्य का विकास केवल शहरी क्षेत्रों तक न सीमित रहे। बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैल गया, जिससे सभी वर्गों को फायदा हुआ। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने मास्टर प्लान-2041 के तहत फेज-2 में बेहतर परिवहन सुविधाओं की योजना बनाई है। नए शहर को राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। हापुड़-बुलंदशहर राज्य राजमार्ग ग्रेटर नोएडा फेज-2 क्षेत्र की पूर्वी सीमा से गुजरता है। ऊपरी गंगा नहर एक्सप्रेसवे का प्रस्तावित सनौता पुल बुलंदशहर से शुरू होकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा से पहले पुरकाजी मुजफ्फरनगर तक जाएगा। इससे भी ग्रेटर नोएडा फेज-2 में प्रवेश आसान होगा।
सुव्यवस्थित विकास प्रणाली
सरकार द्वारा बनाया गया मास्टर प्लान 2041, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ और कानपुर को शामिल करता है।साथ ही ग्रामीण इलाके भी विकास की मुख्यधारा में शामिल होते हैं। लखनऊ-कानपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में नए अवसर हैं।साथ ही, यह परियोजना परिवहन, लॉजिस्टिक्स और आवास को बेहतर बनाएगी। ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे का विस्तार, फिल्म सिटी, एयरपोर्ट और हाइटेक टाउनशिप से क्षेत्र को विश्वव्यापी प्रतिस्पर्धी बना रहा है। ग्रीन बेल्ट और नो कंस्ट्रक्शन जोन की योजना भी कृषि और हरित क्षेत्र पर जोर देती है। नए शहर को जेवर के पास निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मेट्रो, बोड़ाकी में प्रस्तावित ग्रेटर नोएडा टर्मिनल, मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब से जोड़ा जाएगा।
ग्रेटर नोएडा की क्षेत्रीय परिवहन व्यवस्था बेहतर होगी
यीडा सिटी तक एक 130 मीटर चौड़ी सड़क बनाने की तैयारी चल रही है, जिससे लोग नोएडा एयरपोर्ट तक आसानी से पहुंच सकें। अभी यह सड़क ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव से गोलचक्कर तक जाती है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा कि फेज-2 शहर ग्रेटर नोएडा के विस्तार में बनाया जाएगा। इसमें गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के 144 गांव शामिल हैं। 33,715.22 हेक्टेयर जमीन पर इसका निर्माण होगा। योजना के अनुसार, यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, एनएच-91, एनएच-34 और एनएच-24 को ग्रेटर नोएडा फेज-2 से जोड़ा जाएगा। साथ ही, प्रस्तावित उत्तर दक्षिण और पूर्व पश्चिम कॉरिडोर भी इससे जुड़ेंगे। इससे शहर में आसानी से पहुँच मिलेगी। पूर्वी सीमा गंगा एक्सप्रेसवे, जो मेरठ से प्रयागराज को जोड़ता है, से जुड़ी हुई है। इससे राज्य के पूर्वी क्षेत्रों के साथ ग्रेटर नोएडा की क्षेत्रीय परिवहन व्यवस्था बेहतर होगी।